आरजी कर भ्रष्टाचार केस- एक डॉक्टर अरेस्ट:यह TMC का युवा नेता भी
कोलकाता के आरजी कर कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भ्रष्टाचार की जांच कर रही केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 3 अक्टूबर को डॉक्टर आशीष पांडे को अरेस्ट किया। आशीष कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष के करीबी हैं। जांच एजेंसी ने कहा- आशीष डॉक्टर के अलावा TMC नेता भी हैं। वह तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (स्टूडेंट यूनिट) से जुड़े रहे हैं। आशीष की गिरफ्तारी के बाद बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, अब लग रहा है सीबीआई सही काम कर रही है। आशीष अस्पताल में थ्रेट कल्चर गैंग का हिस्सा रहे हैं। भ्रष्टाचार के मामले में CBI की यह पांचवीं गिरफ्तारी है। इससे पहले, एजेंसी ने संदीप घोष और उनके बॉडीगार्ड अफसर अली, सुमन हाजरा और बिप्लब सिन्हा को गिरफ्तार किया था। ये वे विक्रेता थे जो घोष के प्रिंसिपल रहने के दौरान अस्पताल को मेडिकल इक्विपमेंट सप्लाई करते थे। आरजी कर अस्पताल में भ्रष्टाचार का मामला तब सामने आया, जब 9 अगस्त को अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर का रेप करके मर्डर कर दिया गया था। हालांकि आरोपी को अरेस्ट किया जा चुका है।
रेप-मर्डर विक्टिम ट्रेनी डॉक्टर का स्टैच्यू लगा, विवाद बढ़ा
कोलकाता के आरजी कर कॉलेज में रेप-मर्डर विक्टिम ट्रेनी डॉक्टर का स्टैच्यू लगाया गया है। फाइबर ग्लास के बने इस स्टैच्यू को ‘अभया: क्राई ऑफ द आवर’ नाम दिया गया है। इसमें एक महिला को दर्द में चीखते हुए दिखाया गया है। इस स्टैच्यू को लेकर विवाद शुरू हो गया है। तृणमूल कांग्रेस नेता कुणाल घोष ने इसे घटिया और ट्रेनी डॉक्टर की याद के लिए अपमानजनक बताया है। उन्होंने कहा कि ये अब तक की सबसे खराब चीज है। वहीं, करीब दो महीने से विरोध प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टर्स ने कहा कि ये स्टैच्यू विक्टिम का नहीं है, बल्कि ये उस दर्द और टॉर्चर का प्रतीक है, जिससे वह गुजरी थी। यह स्टैच्यू हमारे प्रदर्शनों को भी दर्शाता है।
कुणाल घोष का पूरा बयान पढ़ें…
विक्टिम के नाम पर इस मूर्ति की स्थापना सुप्रीम कोर्ट के फैसले की भावना के खिलाफ है। कोई जिम्मेदार व्यक्ति कला के नाम पर भी ऐसा नहीं कर सकता। विरोध और न्याय की मांगे ठीक हैं, लेकिन उस लड़की के दर्द भरे चेहरे वाली मूर्ति सही नहीं है। देश में ‘निग्रहिता’ (रेप विक्टिम) की तस्वीरों, मूर्तियों आदि को लेकर दिशानिर्देश हैं।
12 दिन बाद फिर हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर
ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस को लेकर जूनियर डॉक्टर ने बुधवार को फिर से मार्च निकाला। ये विरोध मार्च कोलकाता में कॉलेज स्क्वायर से धर्मतला तक निकाला गया। जूनियर डॉक्टरों ने राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए काम बंद कर दिया है। डॉक्टरों की मांग है कि उन्हें पूरी तरह सुरक्षा दी जाए। इससे पहले जूनियर डॉक्टर 10 अगस्त से लेकर 42 दिन तक विरोध प्रदर्शन करते रहे। 21 सितंबर को सरकारी अस्पतालों में ड्यूटी पर वापस आए थे।m सुप्रीम कोर्ट ने 30 सितंबर को सुनवाई के दौरान अस्पतालों की सुरक्षा में कोताही पर ममता सरकार की खिंचाई की थी। साथ ही आदेश दिया कि सभी अस्पतालों में 15 दिन में CCTV लगाए जाएं। 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टर से रेप मर्डर के विरोध में ट्रेनी डॉक्टर्स हड़ताल कर रहे थे।