चुनाव आयोग की टीम जम्मू-कश्मीर पहुंची:इलेक्शन कमीशन की आज पॉलिटिकल पार्टियों के साथ बैठक

आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर इलेक्शन कमीशन की टीम आज जम्मू-कश्मीर पहुंची है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार समेत 3 चुनाव आयुक्त रीजनल और नेशनल पार्टियों के साथ मीटिंग करेंगे। शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर (SKICC) में होने वाली मीटिंग के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस, PDP, कांग्रेस और अन्य दलों के नेता पहुंचे हैं।

इलेक्शन कमीशन की आज पुलिस अधिकारियों और सुरक्षाबलों के साथ भी बैठक होगी। 9 अगस्त को दोपहर 2:30 बजे इलेक्शन कमीशन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेगा।

इसी साल जून में चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा समेत जम्मू कश्मीर में वोटर लिस्ट अपडेट करने के आदेश जारी किए थे। इस काम को पूरा करने के लिए 20 अगस्त तक की डेडलाइन दी गई थी।

दिसंबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र शासित प्रदेश में 30 सितंबर 2024 तक चुनाव कराने के निर्देश दिए थे। साथ ही कोर्ट ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा भी जल्द वापस दिया जाए।

5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म कर दिया गया था। साथ ही राज्य को 2 केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था। साथ ही स्पष्ट किया गया था कि जम्मू-कश्मीर में दिल्ली और पुदुचेरी की तरह उपराज्यपाल का शासन होगा, लेकिन विधानसभा के तहत जनता मुख्यमंत्री का निर्वाचन भी करेगी।

इससे पहले जम्मू- कश्मीर में 2014 में आखिरी बार चुनाव हुए थे। 2018 में BJP और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की गठबंधन वाली सरकार गिर गई थी, क्योंकि BJP ने PDP से अलायंस तोड़ लिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर, 2023 में चुनाव आयोग को निर्देश दिया था कि सितंबर, 2024 तक हर हाल में जम्मू-कश्मीर में चुनाव करा लिए जाएं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि 30 सितंबर से पहले जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव हो जाएंगे।

लोकसभा चुनाव 2024 : जम्मू-कश्मीर में ‌BJP को 2 सीट मिलीं, 2 नेशनल कांफ्रेंस के खाते में
जम्मू कश्मीर की 5 सीटों में से जम्मू और उधमपुर सीट BJP के खाते में गईं। जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस को यहां 2 सीटें मिलीं। बारामूला सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते।

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल (LG) की प्रशासनिक शक्तियां बढ़ा दी हैं। दिल्ली की तरह अब जम्मू-कश्मीर में राज्य सरकार LG की मंजूरी के बिना अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर नहीं कर सकेगी।

गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 55 के तहत बदले हुए नियमों को नोटिफाई किया है, जिसमें LG को ज्यादा ताकत देने वाली धाराएं जोड़ी गई हैं। उपराज्यपाल के पास अब पुलिस, कानून व्यवस्था और ऑल इंडिया सर्विस (AIS) से जुड़े मामलों में ज्यादा अधिकार होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button