तिरुपति लड्डू विवाद:सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- SIT बनाएं
आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के प्रसादम (लड्डुओं) में जानवरों की चर्बी मामले पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें शीर्ष कोर्ट ने जांच के लिए राज्य सरकार को एक स्वतंत्र कमेटी (SIT) बनाने को कहा। इसमें CBI और राज्य पुलिस के 2-2 और फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) का एक अधिकारी रहेगा।
इससे पहले, 1 अक्टूबर को आंध्र पुलिस ने मामले की SIT जांच रोक दी थी। DGP ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई चल रही है। कोर्ट के निर्देश के मुताबिक ये तय किया जाएगा कि SIT जांच को आगे बढ़ाना है या नहीं।
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में मिलावट मामले की सुनवाई कर रही है।
केंद्र सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, राज्य सरकार की तरफ से मुकुल रोहतगी, तिरुपति मंदिर की तरफ से सिद्धार्थ लूथरा और कपिल सिब्बल तिरुपति तिरुमाला देवस्थानम (TTD) के पूर्व चेयरमैन वाईवी सुब्बारेड्डी की तरफ से कपिल सिब्बल ने पैरवी की।
पवन कल्याण की प्रायश्चित दीक्षा खत्म, बोले- सनातन के लिए कुछ भी त्याग सकता हूं
आंध्र प्रदेश के श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर (तिरुपति मंदिर) के प्रसादम (लड्डुओं) में जानवरों की चर्बी मामले पर डिप्टी CM पवन कल्याण ने कहा- प्रसाद में मिलावट आइसबर्ग (छोटा सा हिस्सा) जैसा है। इसके नीचे बहुत कुछ है, जिसकी जांच होनी चाहिए।
दरअसल लड्डू विवाद सामने आने के बाद डिप्टी CM पवन कल्याण ने 11 दिन की प्रायश्चित दीक्षा ली थी। 3 अक्टूबर को दीक्षा खत्म होने के बाद उन्होंने वेंकटेश्वर स्वामी के दर्शन किए और बाद में एक जनसभा को संबोधित किया। पवन ने कहा- सनातन को मिटाने वाले खुद मिट्टी में मिल जाएंगे। मैं सनातन धर्म का पालन करता हूं और उसके लिए सब कुछ त्याग भी सकता हूं।
30 सितंबर सुप्रीम कोर्ट ने कहा था- क्या सबूत है कि लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल हुआ
कोर्ट ने कहा, ‘जुलाई में लैब रिपोर्ट आई। वह स्पष्ट नहीं है। मुख्यमंत्री SIT जांच के आदेश देते हैं और फिर सितंबर में मीडिया के सामने बयान देते हैं। एक संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति ऐसा कैसे कर सकता है।’
कोर्ट ने तिरुपति मंदिर की ओर से पेश हुए वकील सिद्धार्थ लूथरा से पूछा- इस बात के क्या सबूत हैं कि लड्डू बनाने में दूषित घी का इस्तेमाल किया गया था। इस पर वकील ने कहा कि हम जांच कर रहे हैं। इसके बाद जस्टिस गवई ने पूछा, ‘फिर तुरंत प्रेस में जाने की क्या जरूरत थी? आपको धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए।’
30 सितंबर को SIT ने तिरुमाला में फ्लोर मिल का निरीक्षण किया था
तिरुपति मंदिर में नंदिनी घी से लड्डू बन रहे, घी सप्लॉयर की GPS से निगरानी
तिरुपति मंदिर में लड्डू बनाने के लिए अब नंदिनी घी का इस्तेमाल किया जा रहा है। नंदिनी, कर्नाटक मिल्क फेडरेशन का लोकप्रिय ब्रांड है। विवाद के बीच एक महीने पहले ही तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को घी सप्लाई करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया।
कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर एमके जगदीश ने कहा, हमने अपनी गाड़ियों में GPS सिस्टम और जियो लोकेशन डिवाइस लगाई हैं। ये गाड़ियां मंदिर में घी सप्लाई करती हैं। GPS सिस्टम लगाने से हमें पता चलता है कि गाड़ी कहां-कहां रुकी है, ताकि मिलावट को रोका जा सके। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन को 350 टन घी की सप्लाई का ठेका मिला है।
यह विवाद कैसे सामने आया
कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क फेडरेशन (KMF) पिछले 50 साल से रियायती दरों पर ट्रस्ट को घी दे रहा था। तिरुपति मंदिर में हर छह महीने में 1400 टन घी लगता है। जुलाई 2023 में कंपनी ने कम रेट में सप्लाई देने से मना कर दिया, जिसके बाद जगन सरकार (YSRCP) ने 5 फर्म को सप्लाई का काम दिया था। इनमें से एक तमिलनाडु के डिंडीगुल स्थित एआर डेयरी फूड्स भी है। इसके प्रोडक्ट में इसी साल जुलाई में गड़बड़ी मिली थी।
इससे पहले SIT ने 30 सितंबर को कई जगहों पर छानबीन की थी। SIT के अधिकारियों ने तिरुमाला में फ्लोर मिल का निरीक्षण किया। यहीं पर घी को स्टोर किया जाता है। इसी घी का इस्तेमाल लड्डू प्रसादम में होता है।
SIT चीफ सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी और उनकी टीम ने तिरुमाला में घी के टैंकरों और तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) लैब की भी जांच-पड़ताल की।