बांग्लादेश संकट से मुश्किल में भारत की 12 कंपनियां, जानिए कौन-कौन हैं लिस्ट में
नई दिल्ली: बांग्लादेश में जारी हालात के कारण भारत की कई कंपनियों पर असर हो सकता है। इनमें 12 लिस्टेड कंपनियां भी शामिल हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 2023-24 के दौरान भारत और बांग्लादेश का द्विपक्षीय व्यापार 14 अरब डॉलर का था। भारत से बांग्लादेश को एक्सपोर्ट करीब 12 अरब डॉलर का था। मैरिको, पर्ल ग्लोबल इंडस्ट्रीज, इमामी, बेयर कॉर्प, जीसीपीएल, ब्रिटानिया, विकास लाइफकेयर, डाबर, एशियन पेंट्स, पिडिलाइट, जुबिलेंट फूडवर्क्स और बजाज ऑटो जैसी कई कंपनियों की बांग्लादेश में मौजूदगी है। इसके साथ ही बांग्लादेश ट्रेंट, पीडीएस और वीआईपी इंडस्ट्रीज जैसी कंपनियों की सप्लाई चेन का हिस्सा है।
बांग्लादेश के हालात का सबसे ज्यादा असर सफोला तेल बनाने वाली कंपनी मैरिको के शेयरों में देखा गया। कंपनी के रेवेन्यू में 11-12 फीसदी हिस्सेदारी बांग्लादेश में बिक्री से आता है। कंपनी के शेयरों में 4% से अधिक की गिरावट आई है। इसी तरह पर्ल ग्लोबल इंडस्ट्रीज के रेवेन्यू का करीब 25 फीसदी हिस्सा बांग्लादेश से आता है। कर्फ्यू के कारण बांग्लादेश में फिलहाल कंपनी की फैसिलिटीज अस्थाई रूप से बंद हैं। कंपनी के शेयरों में 3% से अधिक की गिरावट आई है। इसी तरह, इमामी के शेयरों में 4% से अधिक की गिरावट आई। साथ ही यार्न निर्यातकों को भी नुकसान हो सकता है क्योंकि बांग्लादेश अभी यार्न निर्यात का सबसे बड़ा ग्राहक है। भारत के एक्सपोर्ट में उसकी हिस्सेदारी 25-30% है।
कपड़ा कंपनियों की शेयरों में उछाल
वर्धमान टेक्सटाइल्स के जॉइंट एमडी नीरज जैन ने अर्निंग कॉल में कहा कि बांग्लादेश में व्यवधान होने पर यहां भी समस्याएं होंगी। अब तक मांग पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है लेकिन लंबे समय तक यही स्थिति बनी रहती है तो यह चिंता का विषय हो सकता है। दूसरी ओर, यह संकट भारत में कपड़ा और गारमेंट मैन्युफैक्चरर्स के लिए भी एक अवसर है क्योंकि इससे उन्हें बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिल सकती है। यही वजह है कि गोकलदास एक्सपोर्ट्स (18%), केपीआर मिल (16%), अरविंद लिमिटेड (11%), एसपी अपैरल्स (18%), सेंचुरी एंका (20%), किटेक्स गारमेंट्स (16%) और नाहर स्पिनिंग (14%) के शेयरों में काफी उछाल आई है।