भोपाल के युवकों से बरामद रेडियोएक्टिव मटेरियल नकली निकला:असली की तरह तैयार की गई थी डिवाइस

संदिग्ध रेडियोएक्टिव मटेरियल (RAM) के साथ देहरादून पुलिस ने भोपाल के अभिषेक जैन और जैद अली को गुरुवार को गिरफ्तार किया था। उनके साथ उत्तर प्रदेश के दो और दिल्ली के एक युवक की गिरफ्तारी की गई थी। इस मामले में सोमवार को देहरादून पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है।

केस के 6वें आरोपी सहरनपुर के रहने वाले रशीद उर्फ समीर को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी ने पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने बताया कि बरामद रैम असली नहीं है, असली की तरह कॉपी कर इस रैम को तबरेज ने तैयार किया था।

नकली को असली बताकर तबरेज इसे बेचना चाहता था। इससे वह करोड़ों रुपए की ठगी करना चाहता था। सोमवार को पुलिस ने रशीद को भी कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।

अब देहरादून पुलिस तबरेज और रशीद को रिमांड पर लेकर आमना-सामना कराएगी, क्योंकि तबरेज ने पूछताछ में पुलिस को बताया था कि रैम को उसने रशीद से पांच लाख रुपए में खरीदा था। पुलिस की अब तक की जांच में सामने आया कि अभिषेक और जैद को मशीन बेचकर मिलने वाली रकम को सुरक्षित सहारनपुर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मिली थी।

रैम कहां और कैसे बनी इसका खुलासा नहीं

रैम कहां बनी या कहां से खरीदी गई यह कहानी उलझी हुई है। इसकी वजह यह है कि जेल भेजे गए राशिद और तबरेज ने पुलिस को अलग-अलग कहानी बताई है।

एसओ राजपुर पीडी भट्ट ने बताया कि मामले में गिरफ्तार राशिद और तबरेज से आमने-सामने पूछताछ कर साक्ष्य जुटाने के लिए कोर्ट में तीन की दिन की रिमांड लेने के लिए आवेदन किया जाएगा।

पूर्व आयकर अधिकारी भी आरोपी बनाया गया

परीक्षण में RAM में तरल पदार्थ होने की बात सामने आई है। डिवाइस में केमिकल की जांच भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर ने की। जांच टीम ने बिना किसी मापदंड के डिवाइस में गलत तरीके से केमिकल का उपयोग किए जाने की रिपोर्ट दी है। डिवाइस के साथ ही रेडियोग्राफी कैमरा भी मिला है।

पुलिस ने आरोपी सुमित पाठक, तबरेज़ आलम, सरवर हुसैन, जैद अली और अभिषेक जैन के खिलाफ धाराएं बढ़ाई है। केस में पूर्व आयकर अधिकारी को भी नामजद किया है। उनकी अभी गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है।

मेडिकल फील्ड में होता है इस्तेमाल

बता दें, बरामद हुए RAM डिवाइस पर मुंबई की भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर की मुहर लगी है। RAM का इस्तेमाल मेडिकल फील्ड और बड़ी पाइप लाइन में लीकेज चेक करने में किया जाता है।

रेडियो एक्टिव डिवाइस आम लोगों के हाथों में आना मुश्किल है, ऐसे में पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती ये है कि संवेदनशील डिवाइस आम लोगों तक कैसे पहुंचा। इस बात की भी जांच की जा रही है।

यह है मामला

देहरादून जाखन स्थित ब्रुक एंड वुड्स सोसाइटी में पूर्व आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन का फ्लैट है, जिसे किराये पर दिया था। गुरुवार को पुलिस को सूचना मिली थी कि फ्लैट में कुछ व्यक्ति अपने साथ रेडियो एक्टिव पदार्थ की डिवाइस व अन्य सामग्री लेकर पहुंचे हैं। सूचना देने वाले ने यह भी बताया कि वे लोग डिवाइस की खरीद-फरोख्त की बात कर रहे हैं।

पुलिस मौके पर पहुंची तो पांच व्यक्ति मिले। उनके पास एक डिवाइस मिली, जिस पर रेडियोग्राॅफी कैमरा निर्मित विकिरण और आइसोटोप प्रौद्योगिकी बोर्ड भारत सरकार परमाणु ऊर्जा विभाग भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र नवी मुंबई लिखा हुआ था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button