सरकार प्रॉपर्टी पर इंडेक्सेशन बेनिफिट वापस लाई:इसका फायदा बजट से पहले खरीदी संपत्ति पर ही मिलेगा,

अब टैक्सपेयर्स को संपत्ति बेचने से हुए फायदे पर टैक्स चुकाने के लिए 2 ऑप्शन मिलेंगे। अगर आप इंडेक्सेशन का फायदा नहीं लेते हैं तो 12.5% ​​लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स देना होगा। वहीं अगर इंडेक्सेशन का फायदा लेते हैं तो 20% टैक्स देना होगा।

हालांकि, इंडेक्सेशन का ऑप्शन उन्हीं लोगों को मिलेगा जिन्होंने प्रॉपर्टी 23 जुलाई 2024 से पहले खरीदी है। बजट 2024 में सरकार ने रियल एस्टेट से इंडेक्सेशन बेनेफिट हटा दिया था। मंगलवार को फाइनेंस बिल 2024 में संशोधन पेश कर इसे वापस लाया गया है।

महंगाई के हिसाब से रेट को एडजस्ट करने की प्रोसेस है इंडेक्सेशन
इंडेक्सेशन एसेट या इन्वेस्टमेंट के ओरिजिनल पर्चेज प्राइस को एडजस्ट करने की प्रोसेस है। यानी, प्रॉपर्टी को जिस रेट पर खरीदा गया है उसकी कीमत को बेचते समय महंगाई के हिसाब से एडजस्ट किया जाता है, ताकि महंगाई का बोझ टैक्सपेयर पर न पड़े।

इंडेक्सेशन को एक उदाहरण से समझें…

  • मान लीजिए आपने 2015 में कोई प्रॉपर्टी ₹10 लाख में खरीदी। अभी इंडेक्सेशन इफैक्ट के साथ उसकी वैल्यू ₹15 लाख हो गई। इस प्रॉपर्टी को आप ₹16 लाख में बेचते हैं, तो ₹1 लाख पर 20% के हिसाब से टैक्स बनेगा। यानी, करीब ₹20,000 टैक्स लगेगा।
  • अगर इंडेक्सेशन का फायदा नहीं मिलता तो ₹6 लाख पर टैक्स चुकाना पड़ता। 20% के हिसाब से ₹1.20 लाख का टैक्स बनता। ये कैलकुलेशन पुरानी टैक्स रिजीम के हिसाब से किया गया है। नई रिजीम में 12.5% टैक्स लगेगा और इंडेक्सेशन का फायदा नहीं मिलेगा।

प्रॉपर्टी खरीदी और 3 साल बाद बेची, तो लगता है लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स
इनकम टैक्स एक्ट के हिसाब से अगर प्रॉपर्टी खरीदने के तीन साल के अंदर बेच दी जाए तो इससे होने वाले मुनाफे को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाता है।

वहीं अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने के बाद 3 साल उसे रखते हैं और फिर उसे बेचते हैं तो इससे होने वाला मुनाफा लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) माना जाता है।

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