अधूरा निर्माण कर मकान सौंपने पर बिल्डर को 5.05 लाख रुपये देना होगा हर्जाना

 भोपाल। एक उपभोक्ता ने अपने सपनों का घर बनाने के लिए बिल्डर से 20 लाख रुपये में तय किया। बिल्डर ने तय समय सीमा में मकान बनाकर नहीं दिया।साथ ही अधूरा निर्माण कर बिल्डर ने मकान सौंपा। मामले की शिकायत उपभोक्ता ने जिला उपभोक्ता आयोग में की। आयोग ने इंजीनियर के माध्यम से अधूरे निर्माण कार्य पूरा करने में खर्च होने वाली राशि का आकलन कराया। इंजीनियर ने बिजली सहित पानी का कार्य पूरा करने के लिए तीन लाख का खर्च बताया।दरअसल,पिपलानी निवासी नेमीचंद सोनी ने जिला उपभोक्ता आयोग में 2019 में अवधपुरी स्थित सरस्वती इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर अरविंद कुमार गुप्ता के खिलाफ याचिका लगाई थी।आयोग की अध्यक्ष गिरिबाला सिंह, सदस्य अंजुम फिरोज व प्रीति मुदगल की बेंच ने निर्णय सुनाया। बिल्डर को अधूरे निर्माण में खर्च तीन लाख रुपये की राशि के साथ मानसिक क्षतिपूर्ति राशि दो लाख और वाद व्यय की राशि पांच हजार रुपये देने के आदेश दिए। अगर दो माह के अंदर बिल्डर ने 5.05 लाख रुपये की राशि नहीं लौटाई तो नौ प्रतिशत ब्याज के साथ राशि देनी होगी।

यह था मामला

उपभोक्ता के अधिवक्ता मोना पालीवाल ने बताया कि शिकायत थी कि खजूरी स्थित एक भूखंड पर भवन बनाकर 20 लाख रुपये में बिल्डर को देना था। 30 सितंबर 2019 को अनुबंध हुआ था और 10 माह में भवन का निर्माण कार्य पूरा करके उपभोक्ता को सौंपना था। उपभोक्ता ने पूरी राशि का भुगतान भी कर दिया।

बिल्डर ने तय समय सीमा में मकान का निर्माण कार्य कर नहीं दिया। भवन में विद्युत कार्य भी नहीं किया गया और कई अधूरे कार्य छोड़कर उपभोक्ता को मकान सौंप दिया। उपभोक्ता परेशान होकर खुद ही निर्माण कार्य को पूरा कराया। जिससे वह मानसिक रूप से परेशान हुआ। आयोग ने निर्णय सुनाते हुए कहा कि बिल्डर ने समय सीमा में अनुबंध की पूर्ति न कर सेवा में कमी की है। इस कारण हर्जाना देना होगा।

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