अश्लील कमेंट-सुप्रीम कोर्ट ने अलाहबादिया को राहत दी, पर फटकारा:कहा- कमेंट की भाषा विकृत

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अश्लील कमेंट मामले में रणवीर अलाहबादिया की अपील पर सुनवाई की। अदालत ने अलाहबादिया को गिरफ्तारी से राहत दे दी, लेकिन उन्हें जमकर फटकार लगाई।

अदालत ने कहा कि आपके कमेंट की भाषा विकृत और दिमाग गंदा है। इससे अभिभावक ही नहीं, बेटियां और बहनें भी शर्मसार हुईं।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह ने कहा कि अलाहबादिया के खिलाफ कई FIR दर्ज की गई हैं, लेकिन अब उनके खिलाफ इस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया जाएगा।

रणवीर अलाहबादिया पर आरोप था कि उन्होंने समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में पेरेंट्स पर अश्लील कमेंट किए थे। इसके बाद उनके ऊपर महाराष्ट्र, असम समेत कई जगहों पर FIR दर्ज की गई थी। रणवीर ने सुप्रीम कोर्ट में कई FIR के खिलाफ अपील की थी और गिरफ्तारी से राहत मांगी थी।

सुप्रीम कोर्ट में दलीलें-कमेंट्स

बेंच ने अलाहबादिया के वकील अभिनव चंद्रचूड़ से पूछा-

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आप किस तरह की भाषा का बचाव कर रहे हैं? ऐसे बयान से मुझे नफरत है। यहां सवाल यह है कि क्या ऐसा कमेंट कोई अपराध है। अगर यह अश्लीलता नहीं है तो फिर अश्लीलता क्या है?

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जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, “उनके दिमाग में कुछ बहुत गंदा है, जो वो प्रोग्राम में उगल रहे हैं, वो अभिभावकों की बेइज्जती कर रहे हैं। अदालत अलाहबादिया का बचाव क्यों करे?”

अलाहबादिया के वकील चंद्रचूड़ ने कहा कि क्लाइंट को धमकियां दी जा रही हैं।

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- अगर आप ऐसी चीजें करके घटिया पब्लिसिटी पाने की कोशिश कर सकते हैं तो दूसरे भी हैं, जो आपको धमकाकर चीप पब्लिसिटी पाने की कोशिश करेंगे।

जस्टिस सूर्यकांत बोले-

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जिन शब्दों का इस्तेमाल आपने किया, उससे अभिभावक शर्मसार हुए। बहनें और बेटियां शर्म महसूस करेंगी, पूरा समाज शर्मसार होगा। यह दिखाता है कि दिमाग विकृत है।

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चंद्रचूड़ ने कहा कि पुलिस स्टेशन जाने पर भी भीड़ ने धक्का-मुक्की की। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि वकील पुलिस स्टेशन क्यों जा रहा है? किस कानून के तहत आप पुलिस स्टेशन गए। सिर्फ इसलिए कि आप उन्हें पैसा दे सकते हैं और आप ये सेवाएं भी देने लगेंगे। आप अपनी यूनिफॉर्म का भी अपमान कर रहे हैं।

रणवीर ने SC में 14 फरवरी को दायर की थी याचिका

दरअसल, रणवीर अलाहबादिया के अश्लील कमेंट को लेकर देशभर में कई FIR दर्ज हुई थीं। इसके खिलाफ यूट्यूबर ने सुप्रीम कोर्ट में 14 फरवरी को याचिका दायर की थी। तब कोर्ट ने कहा था कि एक-दो दिन में उनकी याचिका पर सुनवाई की जाएगी।

अलाहबादिया की तरफ से वकील अभिनव चंद्रचूड़ ने अपने मुवक्किल की याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की थी, क्योंकि असम पुलिस ने उन्हें शुक्रवार को समन भेजा था।

जानें क्या है पूरा मामला?

‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ स्टैंड-अप कॉमेडियन समय रैना का शो है, जिस पर विवाद हो रहा है। यह एपिसोड 8 फरवरी को यूट्यूब पर रिलीज किया गया था। इस शो में बोल्ड कॉमेडी कंटेंट होता है। इस शो के दुनियाभर में 73 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं। इस शो में पेरेंट्स और महिलाओं को लेकर ऐसी बातें कही गई।

समय रैना के इस शो के हर एपिसोड को यूट्यूब पर औसतन 20 मिलियन से ज्यादा व्यूज मिलते हैं। समय को छोड़कर इस शो के हर एपिसोड में जज बदलते रहते हैं। हर एपिसोड में नए कंटेस्टेंट को परफॉर्म करने का मौका मिलता है। कंटेस्टेंट को अपना टैलेंट दिखाने के लिए 90 सेकेंड दिया जाता है।

समय और रणवीर के खिलाफ मुंबई में दूसरी FIR

‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो में पेरेंट्स पर भद्दे कमेंट्स के मामले में यूट्यूबर रणवीर अलाहबादिया और समय रैना के खिलाफ मुंबई में अब तक दो FIR दर्ज हुईं। यह कार्रवाई महाराष्ट्र पुलिस की साइबर ब्रांच ने की। रणवीर और समय के अलावा इस शो के उन 30 गेस्ट के खिलाफ भी केस दर्ज हुआ है, जिन्होंने पहले एपिसोड से अब तक के शो में हिस्सा लिया था।

वहीं, ऑल इंडियन सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ शो पर बैन के लिए गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा था। एसोसिएशन का कहना है कि इस तरह के शो देश के युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं। महिला आयोग ने भी अलाहबादिया, समय रैना और अन्य को समन भेजा। सभी को 17 फरवरी को एनसीडब्ल्यू कार्यालय बुलाया गया था। इंदौर में भी रणवीर अलाहबादिया के खिलाफ शिकायत की गई है।

पार्लियामेंट की IT कमेटी नोटिस भेज सकती है

समय रैना के यूट्यूब शो इंडियाज गॉट लेटेंट में पेरेंट्स पर भद्दे कमेंट करने का मामला संसद तक पहुंचा था। शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने संसद की IT समिति से शिकायत करके एक्शन लेने और गाइडलाइन जारी करने की मांग की थी।

प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि कॉमेडी के नाम पर अपशब्दों का इस्तेमाल बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। अलाहबादिया के प्लेटफॉर्म पर बड़े राजनेता तक आए हैं, पीएम ने उन्हें अवॉर्ड दिया है। एक जिम्मेदार व्यक्ति से यह उम्मीद नहीं की जाती।

सोर्सेज के मुताबिक, पार्लियामेंट की आईटी कमेटी इस मामले में रणवीर अलाहबादिया को नोटिस भेजने पर विचार कर रही है। प्रियंका चतुर्वेदी इस समिति की सदस्य हैं। जानकारी के मुताबिक, कई और सांसदों ने इसके खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की है। ठाणे से शिवसेना सांसद नरेश गणपत म्हस्के ने संसद में इस मुद्दे को उठाया और ऐसे कंटेंट की रोकथाम के लिए कानून बनाने की मांग की है।

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