कानपुर की आउट फील्ड को खराब रेटिंग, डिमेरिट पॉइंट भी:बांग्लादेश ढाई दिन में दो बार ऑलआउट

ICC ने कानपुर के ग्रीन पार्क स्टेडियम की आउट फील्ड को खराब रेटिंग दी है। इतना ही नहीं, स्टेडियम के खाते में एक डीमेरिट पॉइंट भी जुड़ गया है। हालांकि, काउंसिल ने ग्रीन पार्क की पिच को संतोषजनक रेटिंग दी है। यहां भारत और बांग्लादेश के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा और आखिरी मुकाबला खेला गया था, जिसे भारतीय टीम ने महज ढाई दिनों के खेल में 7 विकेट से जीत लिया था। मुकाबले के पहले दिन 35 ओवर का ही खेल हो सका था, जबकि दूसरे और तीसरे दिन एक भी ओवर नहीं डाला जा सका था। वो भी तब, जब तीसरे दिन खेल के समय बारिश नहीं हुई थी। लगभग ढाई दिनों का खेल बारिश में धुलने के बावजूद भारत ने 121.2 ओवर में ही बांग्लादेश के सभी 20 विकेट चटका दिए और खुद 52 ओवर में 7.36 के रन रेट से रन बनाते हुए 383 रन बनाते हुए जीत दर्ज की थी।

चेपॉक ‘बहुत अच्छा’; बेंगलुरु, पुणे और मुंबई ‘संतोषजनक’

कानपुर के अलावा, चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम को ‘बहुत अच्छा’ रेटिंग मिली है। जबकि न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला करने वाले मुंबई, बेंगलुरु और पुणे के मैदान की पिचों को ‘संतोषजनक’ करार दिया गया है।

4 कैटेगरी में पिच रेट करता है ICC

किसी भी मैच या टूर्नामेंट के बाद ICC मैच रेफरी के रिव्यू के आधार पर संबंधित वेन्यू की रेटिंग करता है। यह रेटिंग 4 पैमानों में होती है। बहुत अच्छा, संतोषजनक, असंतोषजनक और अनफिट। असंतोषजनक रेटिंग पर वेन्यू के खाते में एक डीमेरिट अंक जोड़ा जाता है, जबकि अनफिट रेटिंग पर तीन डीमेरिट अंक मिलते हैं। अगर किसी मैदान को पांच साल की अवधि में पांच या उससे अधिक डीमेरिट अंक मिलते हैं तब उस मैदान को 12 महीनों के लिए किसी भी इंटरनेशनल मैच की मेजबानी करने से प्रतिबंधित कर दिया जाता है।

आलोचना हुई तो, राजीव शुक्ला बचाव में आए

मैच के दौरान कानपुर के स्टेडियम की काफी आलोचना हुई थी। ऐसे में BCCI के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने (शुक्ला खुद भी कानपुर से हैं) बचाव किया था, हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि स्टेडियम के नवीनीकरण की जरूरत है।

PWD विभाग ने असुरक्षित करार दिया था

इस मैच से पहले PWD विभाग ने ग्रीन पार्क के स्टैंड्स को असुरक्षित करार दिया था, इसके साथ ही विभाग ने पदाधिकारियों को दर्शकों के लिए सीमित संख्या में ही अपर लेवल की सीट मुहैया कराने के निर्देश दिए थे। इस स्टेडियम का मालिकाना हक यूपी सरकार के पास है, जबकि राज्य सरकार के साथ हुए MOU के तहत उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ (UPCA) स्टेडियम का उपयोग करता है। Mou के अनुसार स्टेडियम और उसके देखरेख की जिम्मेदारी UPCA के पास है।

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