कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा में हाईब्रिड धान की कतार बोनी पर हुआ प्रदर्शन

दुर्ग । कृषि विज्ञान केन्द्र, पाहंदा (अ) द्वारा बदलती जलवायु के परिवेश में परम्परागत खेती में समय पर वर्षा न होना, अचानक अति वर्षा का होना जैसी परिस्थितियों में तकनीकी रूप से परिवर्तन कर खेती में सुधार की नई-नई तकनीकों का कृषकों के प्रक्षेत्र पर परीक्षण किया जा रहा है।

धान की खेती में परम्परागत रोपा को और विशेषकर हाईब्रिड धान को कतार बोनी के माध्यम से कम बीज दर पर अधिक उत्पादन कैसे लिया जाए, इस दिशा में कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा द्वारा जिले के विकासखण्ड पाटन अंतर्गत ग्राम अमेरी में कृषकों के प्रक्षेत्र पर परीक्षण लिया गया है। कृषि विज्ञान केन्द पाहंदा के वैज्ञानिक डॉ. विनय कुमार नायक द्वारा इनक्लाईन्ट प्लेट प्लान्टर जिसमें कतार-से-कतार एवं पौधे-से-पौधे की दूरी नियंत्रित की जा सकती है, से बायर कम्पनी के एराइज 8455 डीटी किस्म का प्रदर्शन 8 किलोग्राम प्रति एकड़ की दर से ग्राम अमेरी में किया गया है। इस प्रदर्शन पर किसानों की प्रतिक्रिया की चर्चा हेतु एक प्रारम्भिक प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया।

इस प्रदर्शन में ग्राम अमेरी, करगा, बटंग, औरी आदि गांवों के 50 से अधिक किसानों ने अवलोकन किया। चर्चा के दौरान केन्द्र के वैज्ञानिक ईश्वरी साहू ने तकनीक पर किसानों को अवगत कराया। डॉ. विजय जैन, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा ने किसानों से चर्चा करते हुए कहा कि दुर्ग जिले के जलवायु में हाईब्रिड धान व कतार बोनी के संयोजन में दोनों प्रकार की भूमि जैसे सिंचित व असिंचित अवस्था में प्रदर्शन कर लागत में कमी कैसे हो सकती है, बिमारियों व कीड़ों के प्रकोप में होने वाले व्यय में कमी के लिए चर्चा की। बायर कम्पनी के विवेकानन्द गुप्ता ने इस धान की गुणवत्ता से समस्त कृषकों को अवगत कराया। इस अवसर पर ग्राम-अमेरी के सरपंच बलराम चन्द्रवंशी ने भी अपने विचार व्यक्त कियें। परिचर्चा के बाद समस्त किसानों ने प्रक्षेत्र का भ्रमण कर प्रदर्शन का अवलोकन किया।  डॉ. कमल नारायण, वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र पाहंदा ने सभी का आभार व्यक्त किया।

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