ग्रेजुएशन में जो सब्जेक्ट नहीं पढ़ा पीजी में उसे भी पढ़ पाएंगे, बस देनी होगी एंट्रेंस एग्जाम

भोपाल। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में अगले साल से चार वर्षीय यूजी पाठ्यक्रम के साथ एक साल का पीजी पाठ्यक्रम शुरू किया जाएगा। इसके तहत विद्यार्थियों को पीजी के लिए कुछ खास सुविधाएं दी गई हैं।अब विद्यार्थी अपनी पसंद के विषय पर पीजी में प्रवेश ले सकते हैं। विद्यार्थी अब पीजी में आसानी से एक से दूसरे संकाय में जा सकेंगे। खास बात यह है कि ऐसे विषय जो विद्यार्थियों ने स्नातक में नहीं भी पढ़े हैं, उनमें भी पीजी कर सकेंगे।

पीजी में प्रवेश के लिए टेस्ट क्लियर करना होगा

नए विषय के लिए विद्यार्थी को पीजी में प्रवेश के लिए टेस्ट को क्लियर करना होगा। यूजीसी ने नए फ्रेमवर्क को मंजूरी दे दी गई है। यह नई व्यवस्था मध्य प्रदेश में अगले शिक्षा सत्र से लागू की जाएगी।

अनिवार्य नहीं रहेगा मेजर विषय

अधिकारियों का कहना है कि नए पीजी करिकुलम फ्रेमवर्क में विद्यार्थियों को एक संकाय से दूसरे संकाय के विषय को बदलने की सुविधा दी गई है। विद्यार्थियों ने यूजी में मेजर या माइनर जो भी विषय पढ़े होंगे, उनमें से किसी भी संकाय के विषय को लेकर विद्यार्थी पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश ले सकता है। अभी तक पीजी के लिए मेजर विषय का होना जरूरी था।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अगर किसी विद्यार्थी ने यूजी में इकोनामिक्स आनर्स के साथ पालिटिकल साइंस, हिस्ट्री जैसे मेजर सब्जेक्ट लिए हैं और दूसरे माइनर विषय चुने हैं, तो इनमें से किसी भी विषय में वह मास्टर की डिग्री ले सकेंगे। इस तरह से उसके बाद बहुत सारे विषयों में पीजी कोर्स करने के विकल्प होंगे।

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