जयशंकर बोले- PoK मिलते ही कश्मीर मुद्दा खत्म होगा:ज्यादातर मामला सुलझ चुका है; ट्रम्प के एक्शन से भारत को फायदा पहुंचेगा

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कश्मीर को लेकर कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को खाली करने से यह मुद्दा पूरी तरह से हल हो जाएगा। जयशंकर ब्रिटेन के दौरे पर हैं। वे 5 मार्च को लंदन के चैथम हाउस थिंक टैंक के एक कार्यक्रम में अपनी बात रख रहे थे।
जयशंकर से सवाल पूछा गया था कि क्या प्रधानमंत्री मोदी कश्मीर मुद्दे का हल निकालने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ अपने संबंधों का इस्तेमाल कर सकते हैं। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि अमेरिकी विदेश नीति में बदलाव का भारत को फायदा मिलेगा।
जयशंकर ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प के नेतृत्व में अमेरिका की विदेश नीति में बदलाव उम्मीद के मुताबिक है। यह कई मायनों में भारत के अनुकूल है क्योंकि ट्रम्प प्रशासन के एक्शन से दुनिया नई व्यवस्था की तरफ बढ़ रही है।
जयशंकर बोले- 3 चरणों में कश्मीर समस्या का समाधान निकला
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि हमने कश्मीर के ज्यादातर मुद्दों का हल निकाल लिया है। अनुच्छेद 370 को हटाना पहला कदम था। फिर कश्मीर में विकास, आर्थिक गतिविधियों और सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था। चुनाव कराना, जिसमें काफी वोटिंग हुई, तीसरा कदम था।
जयशंकर ने आगे कहा, “मुझे लगता है कि हम जिस हिस्से का इंतजार कर रहे हैं, वह कश्मीर के उस हिस्से की वापसी है, जिसे चोरी से पाकिस्तान ने अपने पास रखा है। जब यह हो जाएगा तो मैं आपको यकीन दिलाता हूं कि कश्मीर का मसला हल हो जाएगा।”
चीन से रिश्ते पर बोले- भारत के लिए सीमा जरूरी पहलू
भारत चीन के साथ किस तरह का रिश्ता चाहता है? इस सवाल पर जयशंकर ने कहा कि हमारे बीच बहुत ही अनोखा रिश्ता है। हम दुनिया के दो ऐसे देश हैं जिनकी आबादी एक अरब से ज्यादा है। हम दोनों का इतिहास बहुत पुराना है, जिसमें समय के साथ उतार-चढ़ाव आए हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि आज दोनों देश आगे बढ़ रहे हैं और हम पड़ोसी भी हैं। चुनौती यह है कि जैसे-जैसे कोई देश आगे बढ़ता है, दुनिया और उसके पड़ोसियों के साथ उसका संतुलन बदलता जाता है। मुख्य मुद्दा यह है कि कैसे एक स्थिर संतुलन बनाया जाए। जयशंकर ने कहा कि हम एक स्थिर संबंध चाहते हैं, जहां हमारे हितों का सम्मान किया जाए। वास्तव में हमारे रिश्ते में यही मुख्य चुनौती है।
जयशंकर ने कहा कि भारत के लिए सीमा एक अहम पहलू है। पिछले 40 साल में यह धारणा रही है कि सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता रिश्ते को बढ़ाने के लिए जरूरी है। यदि सीमा अस्थिर है या उसमें शांति का अभाव है, तो यह निश्चित रूप से हमारे संबंधों को प्रभावित करेगा।
जयशंकर ने ब्रिटिश विदेश मंत्री से मुलाकात की
भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 3 मार्च को ब्रिटिश विदेश मंत्री डेविड लैमी से मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं में भारत-ब्रिटेन संबंधों पर चर्चा हुई। इस बातचीत में यूक्रेन, बांग्लादेश, पश्चिम एशिया और राष्ट्रमंडल के साथ व्यापार समझौते और रणनीतिक सहयोग पर भी बात हुई।
दोनों नेताओं यह बैठक इंग्लैंड के केंट में स्थित शेवेनिंग हाउस में हुई। इस दौरान भारतीय विदेश मंत्री की पत्नी क्योको जयशंकर और ब्रिटिश विदेश मंत्री की पत्नी निकोला ग्रीन भी मौजूद थीं।
दोनों नेताओं ने आपसी संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए आगे की रूपरेखा पर सहमति जताई। जयशंकर 6 दिन की यात्रा पर ब्रिटेन और आयरलैंड पहुंचे हैं। वे यहां कई हाईलेवल मीटिंग कर रह रहे हैं।