डी गुकेश वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के तीसरे मैच में जीते:डिफेंडिंग चैंपियन लिरेन को फाइनल में पहली बार हराया, बराबरी पर आए

भारतीय ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने FIDE वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप में वापसी की है। 18 साल के गुकेश ने बुधवार को मौजूदा चैंपियन डिंग लिरेन को तीसरे मुकाबले में ‘टाइम कंट्रोल’ में मात दी। गुकेश ने वर्ल्ड चैंपियनशिप के मुकाबले में चीनी खिलाड़ी पर पहली जीत दर्ज की है। इस जीत के बाद स्कोर 1.5-1.5 की बराबर हो गया है। गुरुवार को रेस्ट-डे रहेगा।

फिडे वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप 2024 सिंगापुर में जारी है। इमसें 14 गेम खेले जाएंगे। यह 12 दिसंबर तक चलेगा। जरूरत पड़ने पर ट्राईब्रेकर मुकाबला खेला जाएगा, जो 13 दिसंबर को होगा। वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप के इतिहास में पहली बार ऐसा है कि दो एशियाई खिलाड़ी वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए एक-दूसरे से भिड़ रहे हैं।

37 चाल में जीते गुकेश, लिरेन टाइम कंट्रोल नहीं कर सके

गुकेश ने 37 चालों में जीत दर्ज की। लिरेन को मुकाबले के पहले चरण में काफी समय बर्बाद करने का खामियाजा भुगतना पड़ा। गुकेश ने तीसरा दौर सफेद मोहरों से खेला। 13वीं चाल तक गुकेश के पास एक घंटे की बढ़त थी और उन्होंने सिर्फ चार मिनट खर्च किए थे।

लिरेन ने दूसरी तरफ एक घंटा और छह मिनट लगा दिए थे। खेल के पहले 120 मिनट में से 40 चालों तक समय में कोई इजाफा नहीं किया जाता। बीच में मुकाबला जटिल होने से लिरेन पर असर पड़ा और गुकेश ने परफेक्ट चालों से उन पर दबाव बढ़ा दिया।

गुकेश ने क्रामनिक की रणनीति अपनाई

गुकेश ने क्रामनिक रणनीति अपनाई। यह रणनीति पूर्व वर्ल्ड चैंपियन रूस के ब्लादीमिर एरिगेसी क्रामनिक ने एक रैपिड मुकाबले में भारत के अर्जुन एरिगेसी के खिलाफ अपनाई थी। एरिगेसी ने वह मुकाबला ड्रॉ कराया था। गुकेश ने लिरेन की सहज गलतियों का फायदा उठाकर जीत दर्ज की। लिरेन के पास आखिरी नौ चाल के लिए सिर्फ दो मिनट और आखिरी छह चाल के लिए सिर्फ दस सेकंड बचे थे। आखिर में उनके पास समय ही बाकी नहीं रह गया।

कौन हैं डी गुकेश 

डी गुकेश का पूरा नाम डोमाराजू गुकेश है और वे चेन्नई के रहने वाले हैं। गुकेश का जन्म चेन्नई में 7 मई 2006 को हुआ था। उन्होंने 7 साल की उम्र में ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उन्हें शुरू में भास्कर नागैया ने कोचिंग दी थी।

नागैया इंटरनेशनल स्तर के चेस खिलाड़ी रहे हैं और चेन्नई में चेस के होम ट्यूटर हैं। इसके बाद विश्वनाथन आनंद ने गुकेश को खेल की जानकारी देने के साथ कोचिंग दी। गुकेश के पिता डॉक्टर हैं और मां पेशे से माइक्रोबायोलोजिस्‍ट हैं।

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