नगर निगम के खर्चे पर प्रशिक्षण के लिए अहमदाबाद जाएंगे चुनींदा पार्षद, दौरे को लेकर उठे सवाल

भोपाल। नगर निगम के पार्षद 24-25 जुलाई को अहमदाबाद में दो दिनी प्रशिक्षण के लिए रवाना होंगे। इनके साथ एक निगम अधिकारी भी जा रहे हैं, लेकिन यह व्यय नगर निगम के खजाने से किया जा रहा है। इसको लेकर इंटरनेट मीडिया पर यह मुद्दा छाया हुआ है। दरअसल इस दौरे के लिए प्रति पार्षद 12 हजार रुपए का खर्च आ रहा है, जो कि नगर निगम चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 की मद से खर्च कर रहा है। इसके चलते चार लाख चालीस हजार का खर्च हो रहा है।

इस लिहाज से देखा जाए तो भोपाल जिले की बैरसिया विधानसभा को छोड़कर बची हुई छह विधानसभा के 18-18 पार्षदों को प्रशिक्षण दिया गया। इनमें कितने विपक्ष के है और कितने सत्ता पक्ष के हैं, इसकी जानकारी भी नहीं दी गई है। ऐसे में इस दौरे को लेकर सवाल उठने लगे है।

इसलिए उठे सवाल

सूत्र बताते है कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत यह दौरा होना है। ऐसे में नगरीय प्रशासन विभाग या केंद्र पोषित किसी योजना के जरिए यह प्रशिक्षण कराया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। लिहाजा, इंटरनेट मीडिया पर यह मुद्दा छाया हुआ है कि आखिर क्या मजबूरी है कि पार्षदों को जनता की गाड़ी कमाई से सैर-सपाटा कराया जा रहा है।

 

महापौर मालती राय की मानें तो अहमदाबाद में हो रहे प्रशिक्षण की जानकारी पूरी तरह से उनके पास नहीं है। इसी तरह निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने भी इतना ही कहा है कि उन्हें इस बात की जानकारी है कि एक दल अहमदाबाद जा रहा है, लेकिन उसमें कौन-कौन पार्षद शामिल हैं, उन्हें यह ज्ञात नहीं है।

अधिकारी के तौर पर जाएंगे प्रभारी एचओ

इस पूरे दौरे के लिए उम्मीद की जा रही थी कि एक अपर आयुक्त या उपायुक्त लेवल का कोई अधिकारी अहमदाबाद जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। बल्कि प्रभारी एचओ राजीव सक्सेना इस दौरे पर पार्षदों के साथ जा रहे हैं। निगम सरोकार से जुड़े लोगों की मानें तो इस तरह केवल पार्षदों को अहमदाबाद घुमाने से बेहतर है कि इसे रद्द कर दिया जाए। उधर इस मामले में अपर आयुक्त टीना यादव से चर्चा के लिए दूरभाष पर संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने जवाब देना मुनासिब नहीं समझा।

 

हर विधानसभा से 03 पार्षद

मजे की बात यह है कि इस दौरे के लिए जिन पार्षदों का चयन हुआ है, उसको लेकर न तो महापौर मालती राय को जानकारी है और न ही निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी को इसकी जानकारी दी गई है। सूत्र बताते है कि जिस कंपनी द्वारा यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है, उसने पूर्व में भोपाल आकर पार्षदों को आईएसबीटी स्थित नगर निगम के मुख्यालय में प्रति विधानसभा के हिसाब से तीन-तीन पार्षदों को दो दिन प्रशिक्षण दिया।

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