नवाज शरीफ बोले- जयशंकर का दौरा एक शुरुआत:75 साल बर्बाद किए अब आगे सोचें

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि एस जयशंकर का पाकिस्तान दौरा एक शुरुआत है। यहां से भारत और पाकिस्तान को अपने इतिहास को पीछे छोड़कर आगे बढ़ना चाहिए। न्यूज एजेंसी के मुताबिक शरीफ गुरुवार को SCO की बैठक में पाकिस्तान गए भारतीय पत्रकारों से बात कर रहे थे।

शरीफ ने जयशंकर के दौरे को लेकर कहा-

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बात ऐसे ही बढ़ती है। यह खत्म नहीं होनी चाहिए। अच्छा होता मोदी साहब यहां खुद तशरीफ लाते, लेकिन ये भी अच्छा है कि जयशंकर आए। अब हमें वहीं से शुरुआत करनी चाहिए, जहां हमने इसे छोड़ा था। हमने 75 साल गंवा दिए हैं, अब हमें अगले 75 सालों के बारे में सोचना चाहिए।

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शरीफ ने दोनों देशों के बीच बिगड़े रिश्तों के लिए पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जिम्मेदार ठहराया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई कुछ टिप्पणियों का जिक्र किया। शरीफ ने कहा कि उन्होंने जिस भाषा का इस्तेमाल किया, उसने भारत के साथ संबंधों को खराब कर दिया। नेताओं को ऐसी भाषा बोलना तो दूर, सोचना भी नहीं चाहिए।

शरीफ बोले- मैंने रिश्ते सुधारने की कोशिश की, लेकिन ये नहीं हो पाया

शरीफ ने कहा, ‘मैंने दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधारने की कोशिश की थी, लेकिन बार-बार खराब होते गए। मोदी हमसे मिलने लाहौर आए थे। उन्होंने मेरी मां के साथ भी काफी देर तक बातचीत की थी। ये कोई छोटी बात नहीं थी। खासकर हमारे देशों इसका बड़ा मतलब है।’

नवाज शरीफ ने ये भी कहा, ‘मेरे पिता के पासपोर्ट में उनका जन्मस्थान अमृतसर लिखा है। हम एक ही संस्कृति, परंपरा, भाषा, भोजन साझा करते हैं। मैं इस बात से खुश नहीं हूं कि हमारे रिश्ते में एक लॉन्ग पॉज (लंबा विराम) आ चुका है। भले ही लीडर्स के बीच अच्छा व्यवहार न हो, लेकिन लोगों के बीच रिश्ता बहुत बढ़िया है। मैं पाकिस्तान के उन लोगों की तरफ से बोल सकता हूं जो भारत के लोगों के लिए सोचते हैं और मैं भारतीय लोगों के लिए भी यही कहूंगा।’

शरीफ बोले- भारत-पाक के बीच फिर से क्रिकेट शुरू हो

नवाज शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट संबंधों को फिर से शुरू करने की वकालत की और यहां तक ​​कहा कि अगर दोनों टीमें पड़ोसी देश में किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में खेलती हैं तो वह भारत की यात्रा करना चाहेंगे। शरीफ ने कहा कि एक-दूसरे के देशों में टीमें न भेजने से हमें कोई फायदा नहीं है। शरीफ ने दोनों पक्षों के बीच व्यापारिक संबंधों को बहाल करने की बात की। उन्होंने कहा कि भारतीय और पाकिस्तानी किसानों और उत्पादकों को अपना सामान बेचने के लिए बाहर क्यों जाना चाहिए? अब माल दुबई के रास्ते अमृतसर से लाहौर जाता है। इससे किसे फायदा हो रहा है? जिस काम में दो घंटे लगने चाहिए, उसमें अब दो हफ्ते लगते हैं। शरीफ ने 1999 में वाजपेयी की लाहौर यात्रा को भी याद किया। उन्होंने कहा- वाजपेयी आज भी लाहौर घोषणापत्र और उस समय के उनके शब्दों के लिए याद किया जाता है। मैं उस यात्रा के वीडियो देखता हूं, क्योंकि वो सब याद करके बहुत अच्छा लगता है।”

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