बिजली चोरी के प्रकरणों में विलंब से बिल भुगतान करने पर लगेगा चक्रवृद्धि ब्याज

भोपाल। बिजली चोरी के प्रकरणों में कंपनी द्वारा जांच के बाद जारी किए गए बिल के भुगतान में देरी करने पर संबंधित उपभोक्ता को चक्रवृद्धि ब्याज भी चुकाना होगा। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने यह फैसला किया है कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 व 126 के अंतर्गत बनाए गए प्रकरणों में जारी किए गए अंतिम/अनंतिम देयकों का भुगतान 30 दिवस के भीतर नहीं करने पर बिल की राशि पर छःमाही आधार पर 16 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज भी लगेगा।

विद्युत उपभोक्ता बिजली बिल का भुगतान पीओएस मशीन, वेब पोर्टल तथा उपाय एप के माध्यम से ऑनलाइन कर सकते हैं। विद्युत वितरण कंपनी ने कहा है कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 127(6) एवं मध्य प्रदेश विद्युत प्रदाय संहिता 2021 की कंडिका 10.2.10 के अनुसार आकलित राशि के भुगतान में चूक किए जाने पर आकलन आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात अंतरिम बिल पर छमाही चक्रवृद्धि दर से 16 प्रतिशत ब्याज देना पड़ेगा। बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि धारा 135 व 126 के प्रकरण बनने के बाद अंतिम/अनंतिम बिल की राशि 30 दिन के भीतर जमा करा दें।

बिल भुगतान के ये भी विकल्प

बिजली उपभोक्ता कंपनी की बेवसाइट portal.pmcz.in पर एवं इंडिया आइडिया डॉट कॉम (बिल डेस्क) के पेमेंट गेटवे के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान कर सकते हैं। इसके अलावा आईसेक्ट द्वारा स्थापित कियोस्क के माध्यम से भी बिजली बिलों का भुगतान किया जा सकता है।

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