भारत को 2025 में मिलेगी S-400 की चौथी स्क्वाड्रन:रूस से 5 की डील, 3 मिल चुके
भारत को S-400 एयर डिफेंस सिस्टम का चौथा स्क्वाड्रन साल 2025 के अंत तक मिल सकता है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर तक S-400 स्क्वाड्रन भारत आ जाए। वहीं पांचवां और अंतिम स्क्वाड्रन 2026 में मिलने की उम्मीद है।
भारत और रूस के बीच 2018 में S-400 के पांच स्क्वाड्रन के लिए 35 हजार करोड़ की डील फाइनल हुई थी। इसमें से 3 स्क्वाड्रन चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर तैनात हैं। 2 का आना बाकी है।
S-400 स्क्वाड्रन में 16 व्हीकल शामिल होते हैं, जिनमें लॉन्चर, रडार, कंट्रोल सेंटर और सहायक वाहन शामिल हैं। यह 600 किमी दूर टारगेट को ट्रैक कर लेता है और टारगेट हिट करने की रेंज 400 किमी है।
भारतीय सेना ने जुलाई 2024 में मिसाइल की प्रैक्टिस की थी, 80% टारगेट सटीक रहे
इंडियन एयरफोर्स ने जुलाई 2024 में एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की वॉर प्रैक्टिस की थी। जिसमें एस-400 ने दुश्मन के 80% लड़ाकू विमानों को मार गिराया था। इस दौरान सेना के बाकी फाइटर प्लेन पीछे हटने पर मजबूर हो गए और उन्हें मिशन अबॉर्ट करना पड़ा।
एयरफोर्स की यह थिएटर लेवल की वॉर प्रैक्टिस थी, जहां एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की स्क्वाड्रन को तैनात किया था। इस दौरान एयरफोर्स के राफेल, सुखोई और मिग फाइटर जेट्स ने बतौर दुश्मन उड़ान भरी। प्रैक्टिस में एस-400 ने अपने टारगेट को लॉक किया और करीब 80% फाइटर जेट्स पर सटीक निशाना साधा। प्रैक्टिस का मकसद एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की क्षमताओं को जांच करना था।
S-400 सिस्टम क्या है?
S-400 एक एयर डिफेंस सिस्टम है। ये हवा के जरिए हो रहे अटैक को रोकता है। ये दुश्मन देशों के मिसाइल, ड्रोन, रॉकेट लॉन्चर और फाइटर जेट्स के हमले को रोकने में कारगर है। इसे रूस के एलमाज सेंट्रल डिजाइन ब्यूरो ने बनाया है और दुनिया के बेहद आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम में इसकी गिनती होती है।
S-400 में क्या है खास
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- S-400 में 400 इस सिस्टम की रेंज को दर्शाता है। रूस से भारत को जो सिस्टम मिला है, वह 400 किलोमीटर दूर से टारगेट को डिटेक्ट करता है। हालांकि, दुश्मन इसे आसानी से डिटेक्ट नहीं कर सकते हैं।
- S-400 की सबसे बड़ी खासियत है कि इसे रोड के जरिए कहीं भी लाया ले जाया जा सकता है।
- इसमें 92N6E इलेक्ट्रॉनिकली स्टीयर्ड फेज्ड ऐरो रडार लगा हुआ है जो करीब 600 किलोमीटर की दूरी से ही मल्टिपल टारगेट्स को डिटेक्ट कर सकता है।
- ऑर्डर मिलने के 5 से 10 मिनट में ही ये ऑपरेशन के लिए रेडी हो जाता है।
- S-400 की एक यूनिट से एक साथ 160 ऑब्जेक्ट्स को ट्रैक किया जा सकता है। एक टारगेट के लिए 2 मिसाइल लॉन्च की जा सकती हैं।
- यह 30 किलोमीटर की ऊंचाई पर भी अपने टारगेट को अटैक कर सकता है।