भारत-चीन के बीच जमकर हो रहा कारोबार, यूएस भी छूटा पीछे, देख लीजिए ये आंकड़े

नई दिल्ली: वित्त वर्ष 2024 में फरवरी तक चीन और भारत के बीच 9 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हुआ है। वहीं अमेरिका और भारत का द्विपक्षीय व्यापार 8 लाख 91 हजार करोड़ रुपये के करीब रहा है। कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज मिनिस्ट्री के आंकड़ों के मुताबिक, FY23 में 10 लाख 38 हजार 772 करोड़ रुपये के द्विपक्षीय व्यापार के साथ अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर था। 9 लाख 13 हजार 705 करोड़ रुपये के ट्रेड के साथ चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। वित्त वर्ष 2024 में फरवरी तक भारत से चीन को 1 लाख 25 हजार 47 करोड़ रुपये का एक्सपोर्ट हुआ। वहीं चीन से 7 लाख 78 हजार 161 करोड़ रुपये का इंपोर्ट हुआ। इस तरह सबसे ज्यादा आयात चीन से किया गया। हालांकि भारत से सबसे ज्यादा निर्यात अमेरिका को हुआ है। अप्रैल-फरवरी के दौरान अमेरिका का निर्यात 5 लाख 79 हजार 401 करोड़ रुपये का रहा। वहीं अमेरिका से 3 लाख 11 हजार 464 करोड़ रुपये का आयात किया गया। मार्च के फाइनल डेटा अपडेट होने पर पोजिशन बदल सकती है।

 

इतना हो रहा कारोबार

FY23 के मुकाबले FY24 में अप्रैल-फरवरी के बीच टॉप 5 ट्रेड पार्टनर देशों के क्रम में एक और बदलाव हुआ। सऊदी अरब को पीछे छोड़कर रूस भारत का चौथा बड़ा ट्रेड पार्टनर बन गया। FY24 (फरवरी तक) में 6 लाख 19 हजार करोड़ रुपये के ट्रेड के साथ तीसरे नंबर पर यूनाइटेड अरब अमीरात की पोजिशन कायम रही। FY23 में भारत और सऊदी अरब के बीच 4 लाख 23 हजार 843 करोड़ रुपये का ट्रेड हुआ। रूस के साथ आंकड़ा 3 लाख 99 हजार 466 करोड़ रुपये का था। लेकिन FY24 में अप्रैल-फरवरी के दौरान 4 लाख 91 हजार 803 करोड़ रुपये के ट्रेड के साथ रूस चौथे स्थान पर आ गया। सऊदी अरब के साथ ट्रेड का आंकड़ा 3 लाख 26 हजार 935 करोड़ रुपये का रहा।

मंदी से बाहर आई इकॉनमी

ब्रिटेन की इकॉनमी तीन साल के बाद मंदी से बाहर निकल आई है। 2024 की पहली तिमाही जनवरी से मार्च के दौरान ब्रिटेन की इकॉनमी ने 0.6 फीसदी की दर से विकास किया है। ब्रिटेन के नेशनल स्टैटिसटिक्स ऑफिस के मुताबिक, 2024 के पहली तिमाही जनवरी से मार्च के दौरान यूके की इकॉनमी की जीडीपी ग्रोथ रेट 0.6 फीसदी रही है, जोकि साल 2021 की चौथी तिमाही में 1.5 फीसदी के जीडीपी के आंकड़े के बाद सबसे जयादा है। 2023 की पहली तिमाही में ब्रिटेन की जीडीपी ग्रोथ रेट नेगेटिव में -0.3 फीसदी रही थी। रिपोर्ट के मुताबिक, ब्रिटेन में प्रति व्यक्ति जीडीपी में भी दो साल में पहली बार इजाफा देखने को मिला है।

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