भारत बोला- हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें बांग्लादेश:चटगांव में हिंदुओं पर हमले की निंदा की

बांग्लादेश के चटगांव में हिंदुओं पर हुए हमले की भारत ने निंदा की है। बांग्लादेश से हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और चरमपंथियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए भी कहा है। इसे लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बयान दिया। जायसवाल ने चटगांव में पैदा हुए तनाव के पीछे एक भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट को वजह बताया। दरअसल चटगांव में ISKCON मंदिर और सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी से हिंदुओं में नाराजगी है। इसे लेकर मंगलवार को हजारों की संख्या में हिंदू समुदाय ने प्रदर्शन किया था। विरोध में जब हिंदू संगठन सड़कों पर उतर आए तो आर्मी ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया। उधर, चटगांव पुलिस के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर काजी तारेक अजीज ने बताया कि विवादित पोस्ट शेयर करने वाले को गिरफ्तार कर लिया गया है। बांग्लादेश में अगस्त से अब तक हिंदुओं पर हमले के 250 से ज्यादा मामले सामने आए हैं।

घटना हजारी गली की, यहां रहते हैं 25,000 लोग

बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना मंगलवार शाम की है। सुबह हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन रात 10 बजे फिर से अचानक पुलिस और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के जवानों ने हजारी गली इलाके में छापेमारी की। आरोप है कि इस दौरान स्थानीय हिंदुओं के साथ बेरहमी से मारपीट की गई। हजारी गली इलाके में करीब 25,000 लोग रहते हैं, इनमें 90% हिंदू समुदाय के हैं। स्थानीय लोगों का कहना है, ‘हादसे के बाद से सभी दुकानों में ताले लगे हैं और लोग अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। इलाके में एक फार्मेसी चलाने वाले गौतम दत्ता ने भी बताया कि उन्होंने दुकान बंद कर दी थी, फिर भी आर्मी के जवानों ने उन्हें और उनके कर्मचारियों को पीटा।

बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार हो रहे हैं हमले

कुछ ही दिन पहले, चटगांव में इस्कॉन संगठन के सचिव चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी उर्फ चंदन कुमार धर पर भी मामला दर्ज किया गया था। उन पर चटगांव के न्यू मार्केट में आजादी स्तंभ पर लगे नेशनल फ्लैग से ऊपर भगवा ध्वज फहराने का आरोप था। इस ध्वज पर ‘सनातनी’ लिखा हुआ था। बांग्लादेश में सरकार गिरने के बाद से ही अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा के कई मामले सामने आए हैं। अगस्त में बांग्लादेश के 52 जिलों में हिंदुओं पर हमले के 205 मामले सामने आए थे। इसके विरोध में चटगांव में रैली का आयोजन किया गया था। अगस्त में सत्ता परिवर्तन के बाद से अल्पसंख्यकों से जबरन इस्तीफा दिलवाने के मामले भी सामने आए थे।

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