मध्य प्रदेश में 1 जुलाई से परिवहन चौकियां हो जाएंगी बंद, 45 चेक प्वाइंट से रखी जाएगी नजर
भोपाल : परिवहन चौकियों पर भ्रष्टाचार की शिकायतों को रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए एक जुलाई यानी सोमवार से गुजरात की तर्ज पर प्रदेश में परिवहन चौकियों को बंद करने का निर्णय लिया है। अब चौकियों के स्थान पर प्रदेश की अंतरराज्यीय सीमा पर 45 चेक प्वाइंट से नियमों का पालन सुनिश्चित कराया जाएगा।94 मोबाइल यूनिट स्थापित होंगी और परिवहन विभाग के अमले की मदद के लिए 211 होमगार्ड भी तैनात किए जाएंगे। रविवार को अवकाश के दिन परिवहन विभाग ने इसके आदेश जारी किए तो मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग करके कलेक्टरों से नई व्यवस्था में परिवहन विभाग का सहयोग करने के निर्देश दिए।
कई राज्यों में नहीं है चेकपोस्ट
मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि, अन्य प्रांतों की सीमा पर वाहनों के आवागमन में भूमिका अदा करने वाली चौकियों पर अव्यवस्थाओं को दूर करने और पारदर्शी व्यवस्था लागू करने के लिए परिवहन चौकियों को बंद करने का कदम उठाया है। परिवहन व्यवस्था के संबंध में शिकायत मिलने पर अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नई व्यवस्था से भारी वाहनों के संचालकों को किस प्रकार की असुविधा नहीं होगी।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी जिलों से जुड़े प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारी परिवहन विभाग को नई व्यवस्था में आवश्यक सहयोग दें। अब सीमावर्ती जिलों में नई व्यवस्था में उड़नदस्ते काम करेंगे। परिवहन नाकों के स्थान पर मोबाइल टीम काम करेगी। चेक प्वाइंट पर पदस्थ अमला समयावधि में बदलेगा। इससे राजस्व संग्रहण में वृद्धि और व्यवस्थित कार्य होगा।
चेकपोस्ट वाले मार्गों पर ही स्थापित 45 प्वाइंट
रोड सेफ्टी एंड इंफोर्समेंट चेकिंग के ये 45 प्वाइंट वर्तमान में संचालित बार्डर चेकपोस्ट वाले मार्गों पर ही स्थापित किए गए हैं। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि अन्य राज्यों के वाहन प्रदेश में इन्हीं मार्गों से अधिक संख्या में गुजरते हैं। प्रत्येक चेक प्वाइंट पर तीन कंप्यूटर आपरेटर व एक कंप्यूटर सुपरवाइजर तैनात किए जाएंगे।
इस तरह 135 कंप्यूटर आपरेटर, 45 कंप्यूटर सुपरवाइजर की आवश्यकता की पूर्ति एमपीएसइडीसी अथवा सेडमैप के माध्यम से आउटसोर्स पर कर्मचारी लेकर की जाएगी। चेकिंग प्वाइंट के लिए आवश्यक वाहन, इंटरसेप्टर वाहन तथा इलेक्ट्रानिक उपकरण भी लगाए जाएंगे।
यह भी दिए निर्देश
परिवहन विभाग द्वारा महाविद्यालयों में विद्यार्थियों के ड्राइविंग लाइसेंस तैयार करने के लिए शिविर लगाए जाएं। यात्री बसों के संचालन में निर्धारित स्थान से बस चलाने के नियम का पालन किया जाए।
समय सारणी का पालन किया जाए।
स्कूल की बसों की चेकिंग भी की जाए।
ग्रामीण परिवहन सेवा को बेहतर बनाने पर ध्यान दिया जाए।