माइनिंग रॉयल्टी पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जानिए किस राज्य का है सबसे ज्यादा बकाया

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने माइनिंग पर लगने वाली रॉयल्टी को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने साथ ही कहा कि माइनर्स जो रॉयल्टी केंद्र को देते हैं, उसे टैक्स नहीं कहा जा सकता है। यह कॉन्ट्रैक्चुअल पेमेंट है। कोर्ट ने कहा कि राज्यों को मिनरल वाली जमीन पर टैक्स लगाने का अधिकार है। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली नौ जजों की संविधान पीठ ने 8-1 बहुमत से अपने कई साल पुराने फैसले को रद्द कर दिया। साल 1989 में सात जजों की संविधान पीठ ने कहा था कि मिनरल्स पर रॉयल्टी टैक्स है। सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले से राज्यों को राहत मिली है। कोर्ट का फैसला केंद्र सरकार और खनन कंपनियों के लिए एक झटका है। इसी वजह यह है कि माइनर्स को अब ज्यादा टैक्स देना होगा और केंद्र सरकार खनिजों पर टैक्स लगाने के मामले में अपनी पकड़ खो देगी।

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