मानसून मेहरबान, सागर, गुना समेत सात जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट, बाकी जगहों पर भी गरज-चमक के साथ पड़ सकती हैं बौछारें

भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून मेहरबान है। प्रदेश के अधितकतर जिलों में भारी बारिश हो रही है। जबलपुर-कटनी समेत कई जिलो के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं। रुक-रुककर हो रही तेज बारिश के कारण लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मौसम विभाग के मुताबिक बारिश का यह सिलसिला फिलहाल यूं ही जारी रह सकता है।

इन जिलों में भारी वर्षा के आसार

इस बीच मौसम विभाग ने शुक्रवार को रायसेन, गुना, श्योपुरकलां, सिवनी, मंडला, बालाघाट, सागर जैसे सात जिलो में अति भारी बारिश की आशंका जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा भोपाल, विदिशा, सीहोर, राजगढ़, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, खंडवा, रतलाम, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, अशोकनगर, शिवपुरी, भिंड, मुरैना, सिंगरौली, रीवा, सतना, अनुपपुर, उमरिया, कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, दमोह छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, मैहर, पांढुर्णा, बुरहानपुर, खरगौन, बड़वानी, आलीराजपुर, झाबुआ, धार, इंदौर, उज्जैन, देवास, आगर, ग्वालियर, दतिया, सीथी, मऊगंज, शहडोल, डिंडोरी, नरसिंहपुर, पन्ना जिलों में भी गरज-चमक के साथ तेज बौछारें पड़ने की संभावना जाहिर करते हुए यलो अलर्ट जारी किया है।

ये वेदर सिस्टम सक्रिय

मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान और उससे सटे बांग्लादेश के ऊपर चक्रवाती परिसंचरण मौजूद है। मानसून द्रोणिका श्रीगंगानगर, हिसार, आगरा, डाल्टनगंज, जमशेदपुर, दीघा से होकर पूर्व-दक्षिणपूर्व की ओर बंगाल की उत्तरपूर्वी खाड़ी तक जा रही है। दक्षिणी मध्य प्रदेश पर विपरीत दिशा की हवाओं का सम्मिलन (शियर जोन) बना हुआ है। असम और आसपास के इलाकों में समुद्र तल से 1.5 से 3.1 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। इसके अलावा उत्तर-पश्चिम उत्तर प्रदेश और आसपास के इलाकों में समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। दक्षिण गुजरात-उत्तरी केरल तटों के साथ समुद्र तल पर अपतटीय द्रोणिका बनी हुई है।
इन मौसम प्रणालियों के असर से प्रदेश में बंगाल की खाड़ी एवं अरब सागर से लगातार नमी आ रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वातावरण में बड़े पैमाने पर नमी बरकरार रहने से पूरे प्रदेश में रुक-रुककर मध्यम वर्षा होने का दौर जारी रहेगा। इस दौरान कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है।

इन इलाकों में हुई वर्षा

गुरुवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक सतना में 88, रतलाम में 80, खरगोन में 20, नर्मदापुरम में 16, खंडवा में 11, मंडला में नौ, पचमढ़ी में सात, सिवनी में छह, बैतूल, मलाजखंड, सीधी एवं रीवा में पांच, धार एवं नौगांव में तीन, उमरिया एवं खजुराहो में दो, दमोह एवं जबलपुर में एक, छिंदवाड़ा एवं भोपाल में 0.4, उज्जैन में 0.2 और इंदौर में 0..1 मिलीमीटर वर्षा हुई। बता दें कि इस सीजन में एक जून से लेकर 25 जुलाई की सुबह साढ़े आठ बजे तक मध्य प्रदेश में 386.9 मिमी (15.47 इंच) वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य वर्षा (382.8 मिमी) की तुलना में एक प्रतिशत अधिक है।
मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मानसून ट्रफ के प्रदेश से गुजरने और शियर जोन के असर से अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी से नमी मिल रही है। इस वजह से प्रदेश में गरज-चमक के साथ वर्षा का सिलसिला बना रहने के आसार हैं। इस दौरान कहीं-कहीं भारी वर्षा भी हो सकती है।

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