मुकेश अंबानी की रिलायंस को लोन देने के लिए लाइन में खड़े हैं दुनिया के बड़े-बड़े बैंक, जानिए वजह

नई दिल्ली: दुनिया के कई दिग्गज बैंक रिलायंस इंडस्ट्रीज को लोन देने के लिए लाइन में खड़े हैं। देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी ने 3 अरब डॉलर का कर्ज लेने के लिए दिसंबर में 11 बैंकों के एक कंसोर्टियम के साथ डील साइन की थी। सूत्रों के मुताबिक अब दुनियाभर के कम से कम 10 और बैंक इस सिंडिकेट में शामिल होना चाहते हैं। इनमें ऑस्ट्रेलिया से लेकर उत्तरी अमेरिका तक के कई दिग्गज बैंक शामिल हैं। इन नए बैंकों में ऑस्ट्रेलिया का ANZ, ताइवान के Bank of Taiwan, Mega Bank और CTBC Bank, यूरोप के Barclays, Deutsche Bank, Intesa Sanpaolo और KFW Ipex Bank, एशिया से Korea Development Bank और अमेरिका का JP Morgan शामिल हैं।

अगले हफ्ते से इस कर्ज के लिए रोड शो शुरू होंगे। कंपनी और मुख्य बैंक यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि ज्यादा से ज्यादा बैंक इसमें शामिल हों। एक सूत्र ने बताया कि RIL ने इन बैंकों को पहले ही चुन लिया है। RIL अपने कर्जदाताओं का दायरा बढ़ाना चाहती है। वह मुख्य बैंकों से भविष्य में और ज्यादा कर्ज लेने की गुंजाइश भी रखना चाहती है। मुख्य बैंकों के लिए RIL भारत में सबसे अच्छा क्रेडिट है। नए बैंक हमेशा ऐसे अच्छे क्रेडिट में शामिल होना चाहते हैं। मुख्य बैंकों को इससे फीस मिलती है और भविष्य में कंपनी को और कर्ज देने का मौका भी मिलता है।

सबसे अच्छी रेटिंग

बैंक कम मार्जिन पर भी RIL को कर्ज देने को तैयार हैं क्योंकि यह भारत की सबसे अच्छी रेटिंग वाली कंपनी है। इसकी रेटिंग BBB+ है, जो भारत की BBB- सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग से ज्यादा है। RIL ने इस बारे में ईमेल से पूछे गए सवाल का जवाब नहीं दिया। अलग-अलग बैंकों से भी संपर्क नहीं हो पाया। रिलायंस रेवेन्यू और मार्केट कैप के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी कंपनी है। कंपनी ने 11 बैंकों से तीन अरब डॉलर जुटाए हैं जो दो साल में उसका सबसे बड़ा कर्ज है। यह पांच साल का कर्ज है। इसकी ब्याज दर तीन महीने के SOFR से 120 बेसिस पॉइंट ज्यादा है। SOFR का मतलब है Secured Overnight Financing Rate। यह एक तरह का बेंचमार्क है जिससे कर्ज की ब्याज दर तय होती है।

इस कर्ज में 450 मिलियन डॉलर जापानी येन में भी हैं। रिलायंस इस पैसे का इस्तेमाल इस साल मैच्योर होने वाले कर्ज के भुगतान के लिए कर सकती है। 11 बैंकों ने RIL को लगभग 3 अरब डॉलर देने का वादा किया था। इनमें सबसे ज्यादा हिस्सा Bank of America (BoFA) का है, जिसने 343 मिलियन डॉलर दिए हैं। इसके बाद DBS Bank और HSBC ने 300-300 मिलियन डॉलर और जापान के MUFG ने 280 मिलियन डॉलर दिए हैं।

एसबीआई का कितना कर्ज

भारतीय बैंकों में सिर्फ SBI ही इस कर्ज में शामिल है। SBI ने 275 मिलियन डॉलर दिए हैं। Standard Chartered, जापान के Mizuho Bank और SMBC ने 250-250 मिलियन डॉलर दिए हैं। First Abu Dhabi Bank, Citibank और फ्रांस के Credit Agricole CIB ने 241-241 मिलियन डॉलर दिए हैं। एक सूत्र ने बताया कि दूसरे दौर में आने वाले नए बैंक अपनी क्षमता के हिसाब से पैसे देंगे। हर बैंक की हर कंपनी के लिए एक सीमा होती है। वे कितना पैसा देंगे यह इस बात पर निर्भर करेगा कि मुख्य बैंक कितना पैसा छोड़ना चाहते हैं और उनका खुद का जोखिम मूल्यांकन क्या है।

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