रत्‍ना पाठक जैसी औरतें भारतीय संस्‍कृति पर सवाल उठाती हैं… करवा चौथे वाले बयान पर 3 साल बाद भड़के राजेश कुमार

‘साराभाई वर्सेस साराभाई’ में रोसेश साराभाई से मशहूर हुए एक्‍टर राजेश कुमार बीते दिनों अपने स्‍ट्रगल और तंगहाली पर खुलासे को लेकर चर्चा में थे। अब एक नए इंटरव्‍यू में उन्‍होंने दिग्‍गज एक्‍ट्रेस और टीवी शो में को-स्‍टार रहीं रत्‍ना पाठक शाह पर हमला बोला है। राजेश कुमार ने 67 साल की एक्‍ट्रेस के उस बयान पर निशाना साधा है, जिसमें उन्‍होंने करवा चौथ को लेकर विवादित बयान दिया था और इसे ‘भयावह’ बताया था। राजेश ने कहा कि उनके जैसी ‘लिबरल औरतें’ भारतीय संस्‍कृति पर अक्‍सर सवाल उठाती रहती हैं।

नसीरुद्दीन शाह की पत्‍नी रत्ना पाठक शाह के बयान पर बात करते हुए राजेश कुमार ने ‘हिंदी रश’ से कहा, ‘वह एक बहुत पढ़ी-लिखीं और लिबरल (उदार) महिला हैं, और ऐसी औरतों की अक्सर अपनी राय होती है और वो संस्कृति पर सवाल उठाती रहती हैं। लेकिन मेरे पास इसका सबसे सरल जवाब है- अगर करवा चौथ, रमजान और ईद जैसे त्योहारों के साथ-साथ सूर्य और चंद्रमा की चाल को भी एजुकेशन सिस्‍टम में शामिल कर दिया जाए, तो ये सभी सवाल गायब हो जाएंगे।

राजेश बोले- राय तभी बनती है, जब आपको विशेष जानकारी नहीं होती

राजेश ने बातचीत में आगे कहा कि कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस तरह विषयों पर बिना जानकारी और ज्ञान के अपनी राय बना लेते हैं। उन्होंने कहा, ‘ये चीजें लंबे समय से चली आ रही हैं। इसलिए यह सोचना कि ‘हम इस बारे में नहीं जानते और ये गलत है’, यह बहुत ही बुरी और गलत सोच है। यदि आप स्वीकार करते हैं कि आप नहीं जानते हैं तो आपके लिए नई चीजें सीखने की संभावना है। लेकिन जब आप कहते हैं कि आप सब जानते हैं, तो यहीं सारी संभावना खत्म हो जाती है। राय तभी बनती है, जब आपको किसी विषय के बारे में विशेष जानकारी नहीं होती है।

रत्‍ना पाठक ने 2022 में करवा चौथ पर कही थी ये बात

वैसे, जानकारी के लिए बता दें कि साल 2022 में रत्ना पाठक शाह ने करवा चौथ की प्रथा पर सवाल उठाए थे। इसको लेकर सोशल मीडिया पर खूब ट्रोलिंग भी हुई थी। तब ‘पिंकविला’ से बातचीत में रत्‍ना ने कहा था, ‘हमारा समाज बेहद रूढ़िवादी होता जा रहा है। मैं इसे बहुत मजबूती के साथ महसूस करती हूं। हम अंधविश्वासी होते जा रहे हैं, हमें धर्म को अपने जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा मानने और बनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। अचानक हर कोई बात कर रहा है, ‘करवा चौथ का व्रत नहीं कर रहे हैं आप?’। आज तक किसी ने मुझसे यह नहीं पूछा, पिछले साल पहली बार किसी ने मुझसे इसके बारे में पूछा था।’

रत्‍ना बोली थीं- 21वीं सदी में, हम इस तरह की बात कर रहे हैं?

रत्‍ना पाठक शाह ने आगे कहा था, ‘मैंने उससे कहा- पागल हूं मैं?’ वह आगे बोलीं, ‘क्या यह भयानक नहीं है कि नए जमाने की पढ़ी-लिखी महिलाएं करवा चौथ करती हैं, पति के जीवन के लिए प्रार्थना करती हैं, ताकि उन्हें जीवन में कुछ वैधता मिल सके? भारत में विधवा होना एक भयानक स्थिति है, है न? तो कोई भी चीज कर लूंगी, जो मुझे विधवापन से दूर रखती है, क्‍या सच में? 21वीं सदी में, हम इस तरह की बात कर रहे हैं? शिक्षित महिलाएं ऐसा कर रही हैं।’

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