श्री रामचरित मानस पर शोध में सहयोग करेगा सांची विश्वविद्यालय, तुलसी मानस प्रतिष्ठान के साथ हुआ करार
भोपाल। अब सांची विश्वविद्यालय श्री रामचरित मानस में तुलसी मानस प्रतिष्ठान द्वारा किए जा रहे शोध में सहयोग करेगा। इसके लिए गुरुवार को श्यामला हिल्स मानस भवन में हुई बैठक में सांची विवि और मानस प्रतिष्ठान के बीच एक करार हुआ है। इसमें सहमति बनी है कि सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय अब श्रीरामचरित मानस पर हो रहे सभी शोध में सहयोग करेगा। मप्र सरकार की ओर से सहायता प्राप्त तुलसी मानस प्रतिष्ठान के साथ सांची विश्वविद्यालय ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं।प्रतिष्ठान के कार्याध्यक्ष व भाजपा के पूर्व राज्यसभा सदस्य रघुनंदन शर्मा और सांची विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वैद्यनाथ लाभ की अध्यक्षता में कुलसचिव प्रो. अलकेश चतुर्वेदी और तुलसी मानस प्रतिष्ठान के सचिव कैलाश जोशी ने इस अनुबंध को हस्ताक्षरित किया।
बता दें कि तुलसी मानस प्रतिष्ठान के अध्यक्ष मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव व उपाध्यक्ष संस्कृति मंत्री धर्मेन्द्र लोधी हैं।
तुलसी मानस प्रतिष्ठान श्री रामचरित मानस को केंद्रित करते हुए प्रवचन, शोध कार्य सहित अन्य गतिविधियां संचालित करता है। आध्यात्मिक शिक्षा, मूल्य शिक्षा, संस्कृति तथा धार्मिक पौराणिक साहित्य पर अनुसंधान होता है।
इस करार के तहत दोनों संस्थान शिक्षकों-शोधार्थियों के प्रयास का आदान-प्रदान, साझा शोध गतिविधियां चलाएंगे। इसके तहत शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण, पाठ्यक्रमों में मूल्यपरक विषयों का समावेश, कौशल विकास के लिए साझा कार्यक्रम, छात्रों-शोधार्थियों के लिए भौतिकी प्रशिक्षण, शैक्षणिक व प्रकाशनों का आदान-प्रदान किया जाएगा। साथ ही दोनों संस्थानों के बीच राष्ट्रीय, प्रादेशिक व स्थानीय स्तर पर युवाओं को रोजगारपरक शिक्षा देने पर भी सहमति बनी है। सेमिनार, वार्ताएं, कार्यशालाएं आयोजित होंगी। इसके अलावा दोनों संस्थान योग डिप्लोमा, डिग्री, प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम भी संचालित करने पर सहमत हुए।