सीरिया के एक और शहर पर विद्रोही गुट का कब्जा:हमा शहर से पीछे हटी सीरियाई सेना
सीरिया में बीते 27 नवंबर से सेना और विद्रोहियों के बीच चल रहे संघर्ष में सेना को एक और झटका लगा है। विद्रोहियों ने गुरुवार, 5 दिसंबर एक और शहर हमा पर भी कब्जा कर लिया है। सेना ने घोषणा करते हुए बताया कि विद्रोहियों ने शहर में डिफेंस लाइन को तोड़ दिया था, जिसके बाद ने पीछे हटने का फैसला किया है।
विद्रोहियों इससे पहले 1 दिसंबर को सीरिया के दूसरे सबसे बड़े शहर अलेप्पो को कब्जे में ले चुके हैं। अलेप्पो के हमा पर विद्रोहियों के कब्जे से सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल असद और उनकी सरकार को बड़ा झटका लगा है।
सेना की घोषणा कुछ घंटे पहले लड़ाकों ने बताया था कि वे शहर में घुस चुके हैं और शहर के केंद्र की तरफ बढ़ रहे हैं। इसके बाद सेना ने नागरिकों की जान बचाने की बात कहते हुए शहर से पीछे हटने का फैसला किया और शहर के बाहरी इलाकों में मोर्चा संभाल लिया है।
वहीं लड़ाकों ने कहा है कि वे अब राजधानी दमिश्क की तरफ बढ़ रहे हैं।
हमा के लिए 3 दिन से लड़ रहे थे विद्रोही लड़ाके
हमा पर कब्जे के लिए विद्रोही लड़ाके पिछले 3 दिनों से सेना के साथ लड़ रहे थे। सेना ने आरोप लगाया कि विद्रोहियों ने डिफेंस लाइन को तोड़ने के लिए आत्मघाती हमले किए थे। इस दौरान विद्रोहियों से लड़ते हुए कई सैनिक मारे गए हैं।
हमा सीरिया का चौथा सबसे बड़ा शहर है। 2011 में सीरिया में शुरू हुए सिविल वॉर के दौरान भी हमा पर विद्रोहियों का कब्जा नहीं हो पाया था। तब भी ये शहर सरकारी नियंत्रण में था। ऐसे में यहां इस बार विद्रोहियों का कब्जा उनके लिए बड़ी जीत है।
इससे पहले शनिवार को विद्रोहियों ने जिस अलेप्पो शहर पर कब्जा किया था। वह सीरिया का प्रमुख ट्रेड हब है।
कुर्दिश लड़ाके भी जंग में शामिल हुए
अलेप्पो के कुछ हिस्सों पर कुर्दिश लड़ाकों ने भी कब्जा कर लिया है। पिछले हफ्ते तक जो इलाके असद की सेना के कंट्रोल में थे, उनमें से कुछ इलाकों पर अब कुर्द लड़ाकों का कब्जा है। ये कुर्दिश लड़ाके विद्रोही गुट के खिलाफ भी लड़ रहे हैं। इसलिए शनिवार को विद्रोही गुटों ने अलेप्पो में कुर्दिश लड़ाकों के ठिकानों पर भी हमले किए हैं।
सीरिया में 2011 में शुरू हुआ गृह युद्ध
2011 में अरब क्रांति के साथ ही सीरिया में गृह युद्ध की शुरुआत हुई थी। सीरिया के लोगों ने 10 साल से सत्ता में काबिज बशर अल-असद सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए। इसके बाद ‘फ्री सीरियन आर्मी’ के नाम से एक विद्रोही गुट तैयार हुआ।
विद्रोही गुट के बनने के साथ ही सीरिया में गृह युद्ध की शुरुआत हो गई थी। इसमें अमेरिका, रूस, ईरान और सऊदी अरब के शामिल होने के बाद ये संघर्ष और बढ़ता गया। इस बीच, सीरिया में आतंकवादी संगठन ISIS ने भी पैर पसार लिए थे।
2020 के सीजफायर समझौते के बाद यहां सिर्फ छिटपुट झड़प ही हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, एक दशक तक चले गृहयुद्ध में 3 लाख से ज्यादा लोग मारे गए थे। इसके अलावा लाखों लोगों को विस्थापित होना पड़ा था।