स्वच्छता दिवस कार्यक्रम में पहुंचे मुख्यमंत्री मोहन यादव, पीएम मोदी वर्चुअली जुड़े, प्रदेशवासियों को दी 685 करोड़ की विकास परियोजनाओं की सौगात
भोपाल। गांधी जयंती के मौके पर बुधवार को कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर (मिंटो हॉल) में स्वच्छता दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ अनेक मंत्री और विधायक भी शामिल हैं। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली जुड़े हैं। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान स्वच्छ भारत एवं अमृत योजना के तहत प्रदेश में 685 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का भूमि-पूजन और लोकार्पण किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज स्वच्छ भारत मिशन को दस साल हो रहे हैं। स्वच्छ भारत मिशन की यह यात्रा करोड़ों देशवासियों की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। देशवासियों ने स्वच्छता को जन आंदोलन बना दिया। 27 लाख कार्यक्रम सेवा पखवाड़े में हुए। इसमें करोड़ों लोग जुड़े। 10000 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट की शुरुआत हुई है।। इसमें सीवेज ट्रीटमेंट प्लान बनाए जाएंगे। गोवर्धन प्लांट बनाए जाएंगे। यह काम स्वच्छ भारत मिशन को एक नई ऊंचाई पर ले जाएंगे।
यह मिशन के साथ जनभागीदारी आंदोलन
यह मिशन जितना सफल होगा, उतना ही हमारा देश ज्यादा चमकेगा। 21 सदी के भारत में स्वच्छ भारत अभियान को अवश्य याद किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन जनभागीदारी वाला आंदोलन है। स्वच्छता के लिए किसी पूर्व सैनिक ने अपनी पूरी जमा पूंजी दान कर दी, तो किसी ने अपनी जमीन दान कर दी। मैंने जब सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग न करने की बात की तो लोगों ने जूट के बैग का उपयोग करने की शुरुआत कर दी। राजनीतिक दलों का आभार मानता हूं कि उन्होंने कभी विरोध नहीं किया वरना कहते कि प्लास्टिक उद्योगों को नुकसान पहुंचा दिया, उनका ध्यान नहीं गया। मन की बात में 800 बार स्वच्छता के विषय का जिक्र किया है।
गांधी के नाम पर वोट बटोरने वाले मिशन भूल गए
पीएम मोदी ने कहा कि यह सवाल भी मन में आ रहा है कि जो आज हो रहा है वह पहले क्यों नहीं हुआ। स्वच्छता का रास्ता तो महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में दिखाया और सिखाया भी था। फिर ऐसा क्या हुआ कि आजादी के बाद भी इस पर बिल्कुल ध्यान ही नहीं दिया गया। जिन लोगों ने सालोंसाल गांधी जी के नाम पर सत्ता पाई और उनके नाम पर वोट बटोरे, उन्होंने गांधी जी के पूरे मिशन भुला दिया। गंदगी को, शौचालय के अभाव को देश की समस्या माना ही नहीं। नतीजा हुआ कि मजबूरी में लोग गंदगी में ही रहने लगे। गंदगी रूटीन लाइफ का हिसाब बन गई। समाज में इसकी चर्चा तक बंद हो गई। जब मैंने लाल किले की प्राचीर से इस विषय को उठाया तो देश में तूफान खड़ा हो गया। कुछ लोगों ने तो मुझे ताना दिया कि भारत में प्रधानमंत्री साफ-सफाई की बात करता है। यह लोग आज भी मेरा मजाक उड़ाते हैं, लेकिन भारत के प्रधानमंत्री का पहला काम वही है, जिससे मेरे देशवासियों का जीवन आसान हो।
पीड़ा की कोख से उपजा मिशन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह मिशन पीड़ा की कोख से पैदा हुआ। करोड़ों भारतीयों ने कमाल करके दिखाया है। देश में 12 करोड़ से अधिक शौचालय बने। शौचालय का कवरेज 40% से कम था, वह शत प्रतिशत के करीब पहुंच गया। मिशन से देश के आमजन के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। स्वच्छ भारत मिशन ने सफाई मित्रों को सम्मान दिलाया है।
स्वच्छ भारत मिशन केवल साफ-सफाई का अभियान नहीं है, बल्कि स्वच्छता संपन्नता का नया रास्ता बन रहा है। अभियान से देश में देश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी बन रहे हैं।
प्रदेश में 42000 से अधिक आयोजन
इससे पहले कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान प्रदेश के नगरीय विकास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि आज स्वच्छता सेवा पखवाड़े का समापन हो रहा है। अब स्वच्छता सर्वेक्षण होगा। प्रदेश में 42,000 से अधिक आयोजन पखवाड़े में किए गए। 7,990 सफाई मित्र सम्मेलन हुए। 968 ब्लैक स्पाट चिन्हित कर उनका सौंदर्यीकरण किया गया। सफाई मित्रों के स्वजनों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ।