14 नए उम्मीदवारों ने बढ़ाई काउंसलिंग में गड़बड़ी की आशंका

मध्य प्रदेश की एमबीबीएस सीटों के लिए चल रही मॉपअप राउंड काउंसलिंग में अचानक 14 नए उम्मीदवारों के पंजीकरण ने मेडिकल अभ्यर्थियों और विशेषज्ञों के बीच सवाल खड़े कर दिए हैं। इनमें से लगभग सभी उम्मीदवारों के नीट में 500 से अधिक अंक हैं।
यानी उन्हें पहली या दूसरी काउंसलिंग में ही सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट मिल जानी चाहिए थी। लेकिन, इनका नाम पहली दो सूचियों में कहीं नहीं था। अब सवाल उठ रहा है- ये उम्मीदवार अचानक सिर्फ मॉपअप राउंड में ही क्यों आए? भोपाल के वरिष्ठ ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. अतुल समैया ने इस संदिग्ध पंजीकरण पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
उन्होंने मेडिकल काउंसलिंग समिति को लिखे पत्र में कहा कि इन 14 उम्मीदवारों में से ज्यादातर के ऑल इंडिया रैक 30 हजार से कम हैं। इतने अच्छे रैंक के बावजूद उन्होंने पहली दो काउंसलिंग में भाग क्यों नहीं लिया, यह बेहद संदिग्ध है।
संभव है कि कुछ ने फर्जी एमपी डोमिसाइल सर्टिफिकेट हाल ही में बनवाए हों, या उनका उद्देश्य सीट ब्लॉक करना हो। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि अगर ऐसे उम्मीदवार सिर्फ सीट ब्लॉक कर बाद में प्रवेश नहीं लेते, तो वे सीटें स्टे वैकेंसी या कॉलेज लेवल काउंसलिंग में चली जाती हैं-और योग्य उम्मीदवारों के साथ अन्याय हो जाता है।
492-493 अंक वाले अभ्यर्थियों की उम्मीद पर संकट
डॉ. समैया की बेटी सहित कई अभ्यर्थियों के 492-493 अंक हैं, जिन्हें मॉपअप राउंड में सरकारी मेडिकल कॉलेज की सीट मिलने की संभावना थी, लेकिन अचानक आए इन 14 नए रजिस्ट्रेशन से इनकी उम्मीदें कमजोर पड़ गई हैं। नए उम्मीदवारों के प्रमाणपत्रों की जांच नहीं हुई, तो असली मेहनती छात्रों को या तो अगले साल फिर परीक्षा देनी पड़ेगी या महंगी प्राइवेट सीट लेनी पड़ेगी।
न्याय और जांच की मांग पत्र में उन्होंने मांग की है कि मॉपअप राउंड के नए पंजीकृत उम्मीदवारों के डोमिसाइल और कैटेगरी प्रमाणपत्रों की पूरी जांच की जाए। अगर सीटें ऐसे उम्मीदवारों द्वारा खाली छोड़ी जाती हैं, तो 492-493 अंकों वाले अभ्यर्थियों को स्ट्रे वैकेंसी राउंड में मौका दिया जाए।
मामले में परीक्षण कराया जाएगा
काउंसलिंग नियमानुसार कराई जा रही है। राज्य शासन के नियमों के तहत ही हर एक उम्मीदवार को प्रवेश दिए जाते हैं। यदि किसी अभिभावक ने चिंता जाहिर की है तो उसका परीक्षण कराया जाएगा। कोई छात्र सीट अलॉटमेंट के बाद भी प्रवेश नहीं लेता है तो उसकी फीस वापस नहीं की जाती है।





