एमपी में 5 साल में लव जिहाद के 283 केस हुए दर्ज, 73 किशोरियों को भी बनाया गया शिकार

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विधानसभा में बताया कि 2020 से लेकर अब तक प्रदेश में लव जिहाद के 283 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इनमें 18 वर्ष से कम उम्र की 73 किशोरियां लव जिहाद की शिकार हुईं हैं। 173 प्रकरण न्यायालयों में चल रहे हैं। सर्वाधिक 55 प्रकरण इंदौर में दर्ज किए गए हैं। दूसरे नंबर पर भोपाल में 33 प्रकरण दर्ज किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि लव जिहाद के प्रकरणों को रोकने के लिए मप्र धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 27 मार्च 2021 से लागू किया गया है। उन्होंने यह जानकारी विधायक आशीष गोविंद शर्मा के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी। बताया कि असुरक्षित बालिकाओं/ महिलाओं को लक्ष्य बनाकर उनका शोषण करने एवं भय या दबाव पूर्वक मतांतरण करने की घटनाओं की जांच के लिए पुलिस मुख्यालय ने चार मई 2025 को राज्य स्तरीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है। पीड़ितों को कानूनी सहायता प्रदान की जाती है।

मालवा निमाड़ में सर्वाधिक लड़कियां हुईं लव जिहाद की शिकार

लव जिहाद के सर्वाधिक प्रकरण मालवा निमाड़ अंचल के पुलिस थानों में दर्ज किए गए। पहले नंबर पर इंदौर है। यहां नगरीय क्षेत्र के पुलिस थानों में लव जिहाद के 55 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इंदौर ग्रामीण में 16, धार में 13, झाबुआ में तीन, खरगोन में 10, खंडवा में 12, बड़वानी में चार, बुरहानपुर में तीन मामले सामने आए।

वहीं उज्जैन में 12, देवास में तीन, शाजापुर में आठ, आगर में पांच, मंदसौर में चार, रतलाम व नीमच में तीन-तीन, ग्वालियर में छह, गुना व अशोकनगर में तीन-तीन, भिंड में दो, जबलपुर में पांच, छिंदवाड़ा में चार, नरसिंहपुर में दो, सिवनी में सात, सागर में दो, दमोह में तीन, टीकमगढ़ में दो, छतरपुर में 11, रीवा में पांच, सतना में दो, मैहर में एक, शहडोल, अनूपपुर व नर्मदापुरम में दो-दो, हरदा में छह, बैतूल में पांच, रायसेन में एक, भोपाल नगरीय 33, सीहोर में आठ, राजगढ़ में पांच, बालाघाट में दो, विदिशा, मंडला और डिंडौरी में एक-एक प्रकरण दर्ज किए गए हैं।

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