सरकार को भेजेंगे नाम बदलने के 3 प्रस्ताव:भोपाल के हमीदिया अस्पताल, कॉलेज-स्कूल के नाम बदलेंगे

भोपाल रियासत के नवाब हमीदउल्ला के नाम से बने मध्यप्रदेश के सबसे बड़े सरकारी हमीदिया हॉस्पिटल, कॉलेज और स्कूल के नाम बदलने की प्रक्रिया तेज हुई है। नगर निगम की बैठक में प्रस्ताव की मंजूरी के पास अब इसे सरकार को भेजा रहा है। निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी के ऑफिस से प्रस्ताव कमिश्नर को भेज दिया है। आगे की प्रक्रिया अब कमिश्नर हरेंद्र नारायण करेंगे।
इधर, अस्पताल, कॉलेज और स्कूल के नाम बदलने को लेकर सियासत भी गरमाई हुई है। बीजेपी और कांग्रेस के पार्षद पहले ही आमने-सामने आ चुके हैं। वहीं, कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद भी विरोध जता चुके हैं। इसी बीच निगम ने आगे की प्रक्रिया की है।
प्रस्ताव पर जमकर हो चुका हंगामा इससे पहले 24 जुलाई को नगर निगम परिषद की बैठक हुई थी। जिसमें बीजेपी पार्षद देवेंद्र भार्गव ने नाम बदलने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद जमकर हंगामा हुआ। अध्यक्ष सूर्यवंशी ने कहा था कि नवाब हमीदुल्ला गद्दार थे, यह मैं ही नहीं पूरे भोपाल के देशभक्त मानते हैं।
सबको पता है कि भोपाल की रियासत को नवाब हमीदुल्ला ने 2 साल तक भारत में विलय नहीं होने दिया, बल्कि वे पाकिस्तान में शामिल कराना चाहते हैं। वे पाकिस्तान का वजीर बनना चाहते थे। ये मेरे शब्द नहीं है, बल्कि इतिहास है।
इसके लिए देशभक्तों को विलीनीकरण आंदोलन चलाना पड़ा। हमीदुल्ला ने यह नौबत पैदा कर दी थी। आंदोलन करने वाले राष्ट्रभक्तों पर नवाब ने गोलियां चलवाई। क्या ये देशभक्ति की श्रेणी में आता है? वह देश का गद्दार था। ये प्रमाण है। कांग्रेसी साथ देते हैं, ये भी सामने आ चुका है।
जब बीजेपी के पार्षद देवेंद्र भार्गव प्रस्ताव को रख रहे थे, तो कांग्रेसी पार्षदों को भारत माता की जय बोलना था लेकिन वे राष्ट्रभक्तों को गोली से भुनने और तिरंगे का अपमान करने वालों के साथ थे। हंगामे के बीच नाम बदलने का प्रस्ताव पास हो गया था। इसके बाद अब आगे की प्रक्रिया शुरू की गई है।
पत्र भी लिख चुके अध्यक्ष निगम अध्यक्ष सूर्यवंशी ने जून में भी सीएम को लिखे पत्र में नवाब हमीदुल्ला के नाम से भोपाल में संचालित हमीदिया अस्पताल, कॉलेज और स्कूल का नाम बदलकर राष्ट्रभक्तों के नाम से किए जाने की मांग की थी।
पत्र में लिखा कि निगम को सड़कों और चौराहों के नामकरण करने का अधिकार है। इसलिए सितंबर-23 में हमीदिया रोड का नाम बदलकर गुरुनानक मार्ग कर दिया गया है। चूंकि, स्कूल, कॉलेज और अस्पताल समेत अन्य संस्थाओं के नाम परिवर्तन करने का अधिकार भोपाल निगम को नहीं है। इसलिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव इन्हें बदलें।