भोपाल में 600 पेशियां आगे बढ़ाईं:तीसरे दिन भी काम पर नहीं तहसीलदार-नायब तहसीलदार

न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन से नाराज राजस्व अधिकारी लगातार तीसरे दिन शुक्रवार को भी काम नहीं कर रहे हैं। इससे अकेले भोपाल में ही 600 से ज्यादा कोर्ट केस की पेशियां आगे बढ़ाई गई हैं। अगले 2 दिन सरकारी छुट्टी है। इस वजह से आम लोगों के काम पर ज्यादा असर पड़ेगा।
नई व्यवस्था को भोपाल के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार 6 अगस्त से विरोध कर रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने अपनी गाड़ियों की चॉबी कलेक्टोरेट में जमा कर दी थी। वे ऑफिसों में तो बैठ रहे, लेकिन काम नहीं कर रहे। इस वजह से कोर्ट केस की पेशियां आगे बढ़ाई जा रही हैं।
जनता से जुड़े 500 मामले आते हैं हर रोज जानकारी के अनुसार, नामांतरण, सीमांकन, फौती नामांतरण, मूल निवासी, जाति प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, ईडब्ल्यूएस सहित करीब 500 से अधिक मामले आते हैं। इसके अलावा हर दिन करीब तीन सौ प्रकरणों में तहसीलदार, नायब तहसीलदार सुनवाई करते हैं। इस वजह से दो दिन में ही 600 से ज्यादा केस की पेशियां आगे बढ़ा दी गई है। तीसरे दिन शुक्रवार को भी 300 पेशियां आगे बढ़ेगी। ऐसे में आंकड़ा 900 तक पहुंच सकता है।
फिल्ड और ऑफिस के काम में विभाजित किए गए भोपाल में बैरागढ़, कोलार, एमपी नगर, शहर वृत्त, बैरसिया और टीटी नगर तहसीलें हैं। इनके तहसीलदार और नायब तहसीलदारों को न्यायिक और गैर न्यायिक कार्य में विभाजित किया गया है। यानी, जो अधिकारी न्यायिक कार्य कर रहे हैं, वे फिल्ड में नहीं है। वहीं, फिल्ड वाले अधिकारी न्यायिक कार्य नहीं कर रहे। इस व्यवस्था का वे भी विरोध कर रहे हैं।
मंत्री-अफसरों को सुना चुके समस्या इस संबंध में मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी (कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा) संघ राजस्व मंत्री वर्मा और सीनियर अधिकारियों के सामने अपनी बात रख चुका है। इस दौरान बताया गया था कि अगले 3 महीने के लिए 12 जिलों में ही पायलेट प्रोजेक्ट के तहत यह व्यवस्था लागू की जाएगी, लेकिन बाद में 9 और जिलों में यह व्यवस्था लागू कर दी गई।
इसके चलते संघ के सभी जिला अध्यक्ष, प्रभारी और प्रतिनिधियों की बैठक हुई। इसमें 6 अगस्त से विरोध करने का फिर से निर्णय लिया गया। संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीनचंद कुंभकार ने बताया कि भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत प्रदेश के कई जिलों में राजस्व अधिकारी विरोध कर रहे हैं। भोपाल में भी असर देखने को मिल रहा है।
अभी हड़ताल पर नहीं जाएंगे विभाजन को लेकर संघ की बैठक हो चुकी है। इसमें संवर्ग में विभाजन की इस योजना के पूर्ण रूप से वापस नहीं होने तक सभी राजस्व अधिकारी आपदा प्रबंधन कार्यों को छोड़कर समस्त कार्यों से विरत रहते हुए जिला मुख्यालयों पर उपस्थित रहने का निर्णय लिया गया। हालांकि, कोई भी सामूहिक अवकाश या हड़ताल पर नहीं है। सभी राजस्व अधिकारी जिला मुख्यालय पर ही उपस्थित हैं।
दो दिन पहले बोले थे मंत्री-दिक्कतें आ रही थीं विरोध के चलते बुधवार को ही राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने कहा था कि यह कैबिनेट का निर्णय है। प्रोटोकॉल और न्यायालयीन प्रक्रिया में पहले बड़ी दिक्कतें आ रही थीं। सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के लिए व्यवस्था नहीं की है। कुछ के लिए ही है।