क्यों बढ़ रही है प्याज-टमाटर की कीमत, इकनॉमिक सर्वे में हुआ खुलासा

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2023-24 की आर्थिक समीक्षा प्रस्तुत की। इसमें फाइनेंशियल ईयर 2025 में देश का जीडीपी ग्रोथ रेट 6.5 से सात फीसदी रहने का अनुमान है। आर्थिक समीक्षा (सर्वे) सरकार द्वारा केंद्रीय बजट से पहले प्रस्तुत किया जाने वाला वार्षिक दस्तावेज है जिसमें अर्थव्यवस्था की स्थिति की निष्पक्ष समीक्षा होती है। वित्त मंत्रालय में आर्थिक मामलों के विभाग के आर्थिक संभाग द्वारा आर्थिक समीक्षा तैयार की जाती है। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार की देखरेख में तैयार किया जाता है। देश में पहली बार आर्थिक समीक्षा 1950-1951 में पेश की गई थी जब यह बजट दस्तावेजों का ही हिस्सा होती थी। इसे 1960 के दशक में बजट से अलग किया गया और बजट पेश करने से एक दिन पहले संसद में प्रस्तुत किया जाने लगा। सीतारमण मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट प्रस्तुत करेंगी।

इकनॉमिक सर्वे में कहा गया है कि सर्विसेज सेक्टर में लोगों को बड़ी संख्या में रोजगार मिल रहा है और अब कंस्ट्रक्शन सेक्टर में भी तेजी आई है। सरकार के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर जोर देने से ऐसा हुआ है। फंसे कर्ज के कारण पिछले दशक के दौरान मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार में सुस्ती रही लेकिन 2021-22 से स्थिति में सुधार आया है। देश में असमानता का जिक्र करते हुए इस सर्वे में कहा गया है कि 2022 State of Inquality के मुताबिक देश के एक फीसदी टॉप अमीरों के पास कुल आय का 6-7 फीसदी हिस्सा है जबकि टॉप 10 फीसदी के पास कुल आय का एक तिहाई हिस्सा है।

टैक्स में जमकर बढ़ोतरी

इसमें कहा गया है कि वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत बनी हुई है। लगातार तीसरे साल देश की इकॉनमी सात फीसदी से अधिक दर से बढ़ी। स्थाई मांग और निवेश की मांग में सुधार के कारण देश की इकॉनमी तेजी के साथ बढ़ रही है। फाइनेंशियल ईयर 2024 में ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) 2011-12 की कीमत पर 7.2 फीसदी की दर से बढ़ा। इसी तरह नेट टैक्सेज में 19.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। केंद्र और राज्य के स्तर पर टैक्स में मजबूद बढ़ोतरी और सब्सडी को व्यावहारिक बनाए जाने से नेट टैक्स में बढ़ोतरी हुई।

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