मालदीव के विदेश मंत्री बोले- भारत से संबंध सुधरे:कहा- दोनों देशों में गलतफहमियां दूर हुईं

मालदीव के विदेश मंत्री मूसा जमीर ने भारत के संबंधों में सुधार आने की बात कही है। मूसा ने कहा कि दोनों देशों के बीच आई गलतफहमियों को सुलझा लिया गया है। उन्होंने ये माना कि मालदीव में राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की सरकार बनने के बाद दोनों देशों के संबंधों में गिरावट आई थीं। मूसा ने कहा कि मुइज्जू की भारत से मालदीव से सैनिकों को हटाने की मांग के बाद संबंध ठीक नहीं थे। मूसा ने ये बयान शुक्रवार को द एडिशन अखबार से बात करते हुए अपनी श्रीलंका यात्रा के दौरान दिया। इसके अलावा उन्होंने साउथ एशिया में अपने सहयोगी देशों खासतौर पर भारत और चीन के साथ संबंधों को मजबूत करने की बात भी कही।

मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद बढ़ा भारत-मालदीव में तनाव

नवंबर 2023 में मुइज्जू के सत्ता संभालने के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था। मुइज्जू राष्ट्रपति बनने के पहले से ही मालदीव से भारतीय सैनिकों को हटाने की मांग कर रहे थे। 45 साल के मुइज्जू ने चुनाव में भारत समर्थक मोहम्मद सोलिह को हराया था। मुइज्जू ने कहा था कि अगर भारत अपनी सेना को नहीं हटाएगा तो यह मालदीव के लोगों की लोकतांत्रिक आजादी का अपमान होगा। मुइज्जू ने भारतीय सैनिकों की मौजूदगी को मालदीव में लोकतंत्र के भविष्य के लिए खतरा भी बताया था। उन्होंने कहा कि देश में बिना संसद की इजाजत के दूसरे देश की सेना की उपस्थिति संविधान के खिलाफ है। मुइज्जू अपनी पहली स्टेट विजिट पर चीन गए थे। इसके पहले मालदीव का हर राष्ट्रपति पहला दौरा भारत का ही करता आया था।

चीन समर्थक मुइज्जू जल्द भारत आएंगे

मुइज्जू जल्द ही भारत की पहली आधिकारिक यात्रा पर आने वाले हैं। मुइज्जू के प्रवक्ता ने 10 सितंबर को इसकी जानकारी दी है। हालांकि इसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है। इससे पहले मुइज्जू 9 जून को प्रधानमंत्री मोदी के शपथ-ग्रहण में शामिल होने के लिए भारत आए थे। बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने मालदीव की आर्थिक मदद की पेशकश की है। भारतीय अधिकारियों के मुताबिक, मालदीव, भारतीय रिजर्व बैंक के मुद्रा विनिमय कार्यक्रम के अंतर्गत 400 मिलियन डॉलर का तुरंत लाभ उठा सकता है। यह कार्यक्रम क्षेत्रीय देशों को सहायता उपलब्ध कराता है। मालदीव में राष्ट्रपति पद संभालने के बाद से ही मुइज्जू ने देश में चीन को लाभ पहुंचाने वाली नीतियों को लागू करना शुरू किया और अपने पारंपरिक साझेदार भारत से दूरी बनानी शुरू कर दी थी। हालांकि, कर्ज संकट बढ़ने के बाद अब एक बार फिर से मोहम्मद मुइज्जू भारत से रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।

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