मप्र को माइनिंग सेक्टर में मिले 19,650 करोड़ के निवेश प्रस्ताव, सीएम मोहन बोले – हीरे के बाद सोना भी निकालेगा प्रदेश

भोपाल। मध्य प्रदेश के विकास को गति देने की दिशा में अब माइनिंग सेक्टर में निवेश की संभावनाएं बढ़ी हैं। कुशाभाऊ ठाकरे सभागार भोपाल में दो दिन चले माइनिंग कॉन्क्लेव में 11 औद्योगिक संस्थानों की ओर से 19 हजार 650 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए। इनमें अकेले बैतूल और छिंदवाड़ा में ही पांच हजार करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले हैं।

राम मंदिर के गर्भगृह में लगा मप्र का पत्थर

शुक्रवार को कॉन्क्लेव के समापन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में समृद्ध खनिज संपदा है। प्रदेश में हीरे के बाद सोना भी निकाला जाएगा। इस संपदा के दोहन के लिए प्रयास बढ़ाते हुए खनिज क्षेत्र में नए निवेश को पूरा प्रोत्साहन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्व का विषय है कि गोंडवाना अंचल के मंडला जिले में खनन से प्राप्त पत्थर का उपयोग अयोध्या में श्रीरामलला मंदिर के गर्भ गृह में लगाने का सौभाग्य मध्यप्रदेश को मिला। यह पत्थर गुणवत्ता की दृष्टि से इस योग्य पाया गया कि उसे गर्भगृह में स्थान मिला। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव को इस पत्थर का नमूना भी भेंट किया गया।

मप्र खनिज संपदा से समृद्ध

मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चित ही मध्यप्रदेश खनिजों के मामले में भी अद्वितीय है। भारत की वसुंधरा में मध्यप्रदेश हृदय प्रदेश होने के साथ रत्न-गर्भा भी है। पन्ना में हीरों का भंडार प्रदेश को अलग पहचान देता है। अब हीरों के साथ सोना भी प्रदेश की धरती से निकलेगा। अन्य खनिजों के खनन के लिए सभी आवश्यक प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की खनिज संपदा का दोहन करते हुए उत्पादन भी प्रदेश में ही हो, ऐसे प्रयास किए जाएं। खनिज से वर्तमान में 10 हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है, राजस्व में पांच गुना वृद्धि का लक्ष्य आने वाले समय में मध्य प्रदेश द्वारा प्राप्त किया जाएगा।

संयुक्त उद्यम समझौता

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की उपस्थिति में कॉन्क्लेव में एमओआईएल (भारत सरकार का उपक्रम) और मध्य प्रदेश राज्य खनिज निगम लिमिटेड के मध्य खनिज ब्लॉक से संबंधित संयुक्त उद्यम समझौता हस्ताक्षरित हुआ। मुख्यमंत्री ने भारत सरकार के खनिज मंत्रालय द्वारा प्रकाशित माइनिंग सेक्टर रिफॉर्म्स का विमोचन किया। मुख्यमंत्री को मायल कंपनी के सीएमडी द्वारा दो करोड़ 78 लाख 94 हजार 725 रुपये का लाभांश चेक भेंट किया गया।

मुख्यमंत्री से माइनिंग कॉन्क्लेव के प्रतिनिधियों और निवेशकों ने की भेंट

मुख्यमंत्री से सागर स्टोन इंडस्ट्रीज के नितिन शर्मा, कैप्टन स्टील के बैरी अलायज, मैंगनीज ओर इंडिया लिमिटेड (एमओआईएल) अजीत कुमार सक्सेना, इंडियन रेयर अथर्स मुंबई के मैनेजिंग डायरेक्टर दीपेंद्र सिंह ने भेंट कर मध्य प्रदेश में निवेश के प्रस्तावों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने खनिज क्षेत्र के उद्यमियों से वन टू वन बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि खनन क्षेत्र के उद्यमियों को राज्य सरकार सभी आवश्यक सुविधाएं प्रदान करेगी।

माइनिंग कॉन्क्लेव में घोषित प्रमुख निवेश प्रस्ताव

  • – ल्यूगांग इंडिया नई दिल्ली द्वारा 250 करोड़ की लागत से माइनिंग उपकरण निर्माण इकाई स्थापना।
  • – इंडियन रेयर अथर्स मुंबई द्वारा औद्योगिक क्षेत्र अचारपुरा में रेयर मेटल्स क्लस्टर की स्थापना।
  • – द कमोडिटी हब गुरूग्राम हरियाणा द्वारा दो हजार करोड़ से बालाघाट व खरगौन में कापर, राकफास्फेट, सिलीकान, बेनीफिकेशन प्लांट की स्थापना।
  • – बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड रायपुर द्वारा 1000 करोड़ की लागत से उमरिया में इंट्रीगेटेड स्टील प्लांट।
  • – व्रिज आयरन एंड स्टील लिमिटेड रायपुर द्वारा 1000 करोड़ की लागत से शहडोल के कोतमा में इंट्रीगेटेड स्टील प्लांट की स्थापना।
  • – बैर्री अलायज कोलकाता द्वारा 400 करोड़ के निवेश।
  • – इन्विनायर पेट्रोडाइन लिमिटेड द्वारा बैतूल और छिंदवाड़ा में 5000 करोड़ की लागत से कोल बेड मीथेन और कोल गैसीफिकेशन क्षेत्र में निवेश।
  • – डालमिया सीमेंट नई दिल्ली द्वारा सतना जिले में 3000 करोड़ की लागत से सीमेंट प्लांट।
  • – जेके सीमेंट द्वारा पन्ना जिले में स्थापित सीमेंट संयंत्र के विस्तारीकरण से 2500 करोड़ के निवेश और सिंगरौली एवं शहडोल में आवंटित कोल ब्लॉक में 1000 करोड़ का निवेश।
  • – अम्बुजा सीमेंट अहमदाबाद द्वारा रीवा में 3000 करोड़ के निवेश से सीमेंट संयंत्र।
  • – सागर स्टोन इंडस्ट्रीज जबलपुर द्वारा छतरपुर जिले में फोस्फोराईट से खाद विनिर्माण इकाई के लिए 500 करोड़ का निवेश।

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