ऑनलाइन एलएलएम की डिग्री मान्य नहीं…:भोपाल की नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी समेत कई संस्थानों को नोटिस

बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने एलएलएम जैसे प्रोफेशनल कोर्स को ऑनलाइन, डिस्टेंस या हाइब्रिड मोड में संचालित करने पर सख्त आपत्ति जताते हुए चेतावनी जारी की है। दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस और बीसीआई सह-अध्यक्ष जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली लीगल एजुकेशन स्टैंडिंग कमेटी ने इसकी जांच की।
इसके बाद बीसीआई ने भोपाल की नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलआईयू), आईआईटी खड़गपुर, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी सोनीपत और एनएलयू दिल्ली सहित कई बड़े संस्थानों को नोटिस भेजे हैं।
बीसीआई के मुताबिक, इन संस्थानों ने "प्रोफेशनल" या "एमएससी इन लॉ" जैसे नामों से एलएलएम कोर्स ऑनलाइन मोड में चलाए, जिससे छात्र गुमराह हुए। बीसीआई ने साफ कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का हवाला देकर कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता। एनईपी केवल विजन डॉक्यूमेंट है, बाध्यकारी नहीं। एनईपी में विधि शिक्षा को बाहर रखा गया है, इसलिए इसके बहाने बीसीआई की अनुमति के बिना किसी भी तरह का नया मोड लागू नहीं किया जा सकता।
सुप्रीम कोर्ट और यूजीसी के नियमों का हवाला
सुप्रीम कोर्ट और यूजीसी के नियमों के हवाले से बीसीआई ने कहा कि कानून, मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे प्रोफेशनल कोर्स डिस्टेंस या ऑनलाइन मोड में तभी मान्य हैं जब संबंधित नियामक की अनुमति हो। ऑनलाइन एलएलएम डिग्री किसी सरकारी, शैक्षणिक, न्यायिक या शोध संस्थान में मान्य नहीं होगी। कोर्ट से अपील की गई है कि नियुक्तियों में सिर्फ बीसीआई से अनुमोदित डिग्री को ही मान्य माना जाए। बीसीआई ने कहा कि ऐसे कोर्स के आधार पर मिली नौकरियां और प्रमोशन भी अमान्य माने जाएंगे।