बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद को मिला दिल्ली हाई कोर्ट से झटका, जानिए पूरी बात

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ( Delhi High Court ) ने पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurved) को एक बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने गुरुवार को पतंजलि को Dabur India के च्यवनप्राश उत्पादों के खिलाफ टीवी पर कोई भी विज्ञापन दिखाने से रोक दिया है। मतलब, अब पतंजलि, Dabur के च्यवनप्राश को बुरा बताने वाले विज्ञापन टीवी पर नहीं दिखा पाएगा। यह फैसला Dabur इंडिया की याचिका पर आया है। Dabur ने कहा था कि पतंजलि के विज्ञापन उनके प्रोडक्ट को बदनाम कर रहे हैं।
क्या कहा कोर्ट ने
कोर्ट ने Dabur की बात मानते हुए पतंजलि को फ़ौरन ऐसे विज्ञापन दिखाने से मना कर दिया है। इस मामले की सुनवाई 24 दिसंबर को शुरू हुई थी। तब कोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को नोटिस भेजा था। Dabur ने कोर्ट से अंतरिम राहत (interim relief) की मांग की थी।
डाबर ने क्या बताया
Dabur ने कोर्ट को बताया कि नोटिस मिलने के बाद भी पतंजलि आयुर्वेद ने पिछले कुछ हफ़्तों में 6,182 बार विज्ञापन दिखाए। Dabur का कहना है कि इन विज्ञापनों में गलत जानकारी दी जा रही है। पतंजलि अपने प्रोडक्ट को 51 से ज़्यादा जड़ी-बूटियों से बना हुआ बता रहा है, जबकि उसमें सिर्फ 47 जड़ी-बूटियाँ ही हैं। Dabur का कहना है कि पतंजलि ऐसा करके ग्राहकों को गुमराह कर रहा है।