कोलकाता गैंगरेप: बार काउंसिल ने मनोजित की मेंबरशिप रद्द की:पुलिस बोली- तीनों आरोपी अलग-अलग बयान देकर गुमराह करना चाह रहे

पश्चिम बंगाल बार काउंसिल ने बुधवार को कोलकाता गैंगरेप मामले के मुख्य आरोपी मनोजित मिश्रा की मेंबरशिप रद्द कर दी और उनका नाम वकीलों की सूची से हटा दिया।
बार काउंसिल के चेयरमैन अशोक देब ने बताया कि एक विशेष आम बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इतने गंभीर और अमानवीय अपराध के आरोपों के चलते मनोजित मिश्रा का नाम बार काउंसिल की सूची से हटाया जाए।
वहीं, पुलिस ने बताया कि तीनों आरोपी अलग-अलग बयान दे रहे हैं ताकि जांच को भटकाया जा सके। एक अधिकारी ने कहा कि तीनों लॉ स्टूडेंट हैं, इन्हें कुछ कानूनी चालें आती हैं।
साथ ही पुलिस यह पता लगाने की कोशिश भी कर रही है कि मनोजित, जैब अहमद और प्रमीत मुखर्जी अपनी गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले किन-किन लोगों से मिले थे या किन लोगों के संपर्क में थे।
पुलिस ने लॉ कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल से दो बार पूछताछ की
पुलिस ने कॉलेज की वाइस-प्रिंसिपल डॉ. नयना चटर्जी से भी दो बार पूछताछ की है। मनोजित मिश्रा ने उनसे 26 जून की सुबह फोन पर बात की थी। बुधवार को पुलिस ने उन 16 लोगों से भी पूछताछ की, जो घटना के वक्त कॉलेज परिसर में मौजूद थे।
पुलिस को सुरक्षा गार्ड के कमरे से जब्त एक चादर पर एक दाग मिला है, और यह जांच की जा रही है कि उसका इस घटना से कोई संबंध है या नहीं।
इस बीच, कोलकाता पुलिस के डिटेक्टिव डिपार्टमेंट (DD) ने बुधवार को इस केस की जांच अपने हाथ में ले ली है। अब तक SIT जांच कर रही थी।
मनोजीत की बैचमेट बोली- उसके डर से कॉलेज जाना बंद कर दिया था
मनोजीत की बैचमेट रही एक लड़की ने कॉलेज में उसके आतंक के बारे में बताया है। लड़की के मुताबिक, कॉलेज में लौटने के बाद मनोजीत ने सब कुछ कंट्रोल करना शुरू कर दिया था। मनोजीत से बचने के लिए ही उसने भी कॉलेज जाना छोड़ दिया था।
दरअसल, मनोजीत ने 2022 में कॉलेज से ग्रेजुएशन कम्प्लीट किया था। 2 साल बाद 2024 में वह एडहॉक पर नौकरी शुरू की। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उस समय कॉलेज में एडमिशन रेट घट गया था। इतना ही नहीं, कुछ लड़कियों ने बताया कि मनोजीत की मौजूदगी में उन्हें डर बना रहता था।
वह कैंपस में लड़कियों तस्वीरें लेता, ग्रुप में पोस्ट करता था। हर दूसरी लड़की को प्रपोज करता था। आरोपी को छात्रों और प्रशासन के बीच देवता का दर्जा प्राप्त था। कैंपस के हर दस्तावेज तक उसकी पहुंच थी। हर स्टूडेंट की डीटेल, फोन नंबर और पते उसके पास होते थे।
वहीं, पश्चिम बंगाल महिला आयोग की अध्यक्ष लीना गांगोपाध्याय ने बुधवार को कहा कि छात्रा बहुत ज्यादा सदमे में है और उसे और काउंसलिंग की आवश्यकता है।
मामले में तीन आरोपियों की पुलिस हिरासत 8 जुलाई तक बढ़ा दी गई है। कॉलेज के सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी की हिरासत भी 4 जुलाई तक बढ़ाई है।
स्टाफ की कमी के चलते मनोजीत की हायरिंग हुई थी
लॉ कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल नयना चटर्जी ने बताया था कि मुख्य आरोपी मनोजीत मिश्रा को कुछ महीने पहले ही अस्थायी फैकल्टी मेंबर के तौर पर नियुक्ति किया गया था। परमानेंट स्टाफ की कमी की वजह से हायरिंग की गई थी।
चटर्जी ने बताया कि कॉलेज प्रशासन को मीडिया के जरिए घटना की जानकारी मिली। पीड़ित छात्रा या किसी अन्य ने घटना के बारे में कोई शिकायत कॉलेज प्रशासन से नहीं की।
उन्होंने बताया कि पुलिस ने घटना के एक दिन बाद कैंपस में प्रवेश करने की अनुमति मांगी थी। इस बारे में सिक्योरिटी गार्ड को भी न बताने को कहा गया था। पुलिस ने ग्राउंड फ्लोर के दो कमरे सील कर दिए हैं। वाइस प्रिंसिपल ने गार्ड के ठीक से ड्यूटी न करने की बात भी मानी है।
मुख्य आरोपी मनोजीत के शरीर पर नाखूनों के निशान
पुलिस जांच में पता चला है कि मनोजीत के शरीर पर नाखूनों के निशान हैं, जिससे पता चलता है कि पीड़िता ने खुद को बचाने की कोशिश की थी। जांच के तहत पुलिस ने तीनों आरोपियों के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड खंगाले। इसमें पाया गया कि मनोजीत ने घटना के अगले दिन सुबह कॉलेज की वाइस प्रिंसिपल डॉ. नयना चटर्जी को फोन किया था। इसके बाद पुलिस ने वाइस प्रिंसिपल से दो बार पूछताछ की है।
इस बीच, साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए मनोजीत मिश्रा की नौकरी खत्म कर दी और दोनों छात्र आरोपियों को कॉलेज से सस्पेंड कर दिया है। इसके अलावा, कॉलेज प्रशासन ने बार काउंसिल से मिश्रा की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश भी की है, क्योंकि वह एक प्रैक्टिसिंग एडवोकेट है।