यूक्रेन की प्रधानमंत्री बन सकती हैं यूलिया स्विरीडेंको:मौजूदा PM को रक्षा मंत्री बनाया जाएगा, राष्ट्रपति जेलेंस्की ने खुद सिफारिश की

यूलिया स्विरीडेंको यूक्रेन की नई प्रधानमंत्री बन सकती हैं। खुद राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने उनकी सिफारिश की है। यूलिया, जेलेंस्की की करीबी मानी जाती हैं। वह 2020 से PM पद पर काबिज डेनिस श्मिहाल की जगह लेंगी।

जेलेंस्की ने सोमवार को एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि वे सरकार में जरूरी बदलाव चाहते हैं। हालांकि यूलिया का PM बनाना संसद की मंजूरी पर निर्भर करता है।

जेलेंस्की की पार्टी ‘सर्वेंट ऑफ द पीपल’ 2019 से 254 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत में है। ऐसे में माना जा रहा है कि वे देश की अगली PM बनेंगी। रिपोर्ट के मुताबिक यूलिया के प्रधानमंत्री बनाए जाने को लेकर आज संसद में चर्चा हो सकती है।

विरोधियों पार्टियों ने जेलेंस्की पर सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लगाए

यूलिया को नए पीएम बनाए जाने की कोशिश को लेकर विपक्षी पार्टियां नाराज हैं। उनका कहना है कि उप-प्रधानमंत्री को ही प्रधानमंत्री बनाना कोई बड़ा बदलाव नहीं है, बल्कि बस चेहरों की अदला-बदली है।

कुछ विरोधियों का यह भी आरोप है कि जेलेंस्की ने यह कदम इसलिए उठाया है ताकि वह अपनी सत्ता और मजबूत कर सकें। उन्होंने जेलेंस्की पर अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।

प्रधानमंत्री को रक्षा मंत्री बनाया जा सकता है

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने सोमवार शाम के संबोधन में यह भी घोषणा की कि वे मौजूदा प्रधानमंत्री डेनिस श्मिहाल को रक्षा मंत्री बनाना चाहते हैं। जेलेंस्की ने कहा कि श्मिहाल का अनुभव इस पद के लिए बेहद अहम और कीमती होगा।

उन्होंने बताया कि इस समय देश के सबसे अधिक संसाधन और जिम्मेदारियां रक्षा मंत्रालय से जुड़ी हैं, इसलिए इस क्षेत्र में कुशल नेतृत्व की जरूरत है। अगर संसद इस बदलाव को मंजूरी देती है, तो श्मिहाल वर्तमान रक्षा मंत्री रुस्तम उमेरोव की जगह लेंगे।

जेलेंस्की ने बताया कि उमेरोव को अमेरिका में यूक्रेन का राजदूत बनाने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें अमेरिका के साथ संबंधों में और तेज़ी और यूक्रेन के रक्षा क्षेत्र के प्रबंधन में नए कदमों की जरूरत है।

यूक्रेन-अमेरिका के बीच रेयर अर्थ मटेरियल को लेकर डील हुई थी।

यूक्रेन और अमेरिका के बीच फरवरी में 50% रेयर अर्थ मटेरियल (दुर्लभ खनिज) को लेकर डील हुई थी। इनमें ग्रेफाइट, यूरेनियम, टाइटेनियम, लिथियम समेत कई बेशकीमती और दुर्लभ खनिज शामिल थी।

इनका इस्तेमाल टेस्ला की कारों से स्पेसएक्स के रॉकेट तक, होवित्जर तोप से मोबाइल की चिप तक में होता है। ट्रम्प यूक्रेन सरकार पर अमेरिका को दुर्लभ खनिज देने को लेकर दबाव बना रहे थे।

उनका कहना था कि यदि यूक्रेन को अमेरिकी मदद चाहिए तो उसे 500 बिलियन डॉलर के दुर्लभ खनिज अमेरिका को देने होंगे।

उन्होंने जेलेंस्की को धमकी दी थी कि यदि उन्होंने ऐसा नहीं किया तो अमेरिका यूक्रेन को और मदद देना बंद कर देगा। जेलेंस्की रुस की तरफ से बढ़ते हमलों और सीजफायर में अमेरिका की मदद को लेकर डील के लिए राजी हो गए थे।

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