होमबायर्स के साथ धोखाधड़ी… बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के 47 ठिकानों पर CBI के छापे, दिल्ली-एनसीआर का मामला

नई दिल्ली: सीबीआई ने दिल्ली-एनसीआर के लाखो होमबायर्स (घर खरीदारों) के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में बिल्डिरों, बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थाओं के बीच सांठगांठ से संबंधित मामले में बड़ा एक्शन लिया है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों पर शुरू की गई जांच में 22 बिल्डरों पर दर्ज की गई एफआईआर के साथ ही आरोपियों के दिल्ली-एनसीआर स्थित 47 ठिकानों पर छापेमारी भी की गई। छापेमारी की यह कार्रवाई दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा और गाजियाबाद में की गई। तलाशी के दौरान सीबीआई की टीमों ने विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज और कुछ डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश
सीबीआई के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हजारों घर खरीदारों को धोखा देने और उनके साथ धोखाधड़ी करने में शामिल बिल्डरों पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए और बिल्डरों एवं वित्तीय संस्थानों के अधिकारियों के बीच सांठगांठ की जांच के लिए सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए यह कार्रवाई की।
एनसीआर में हजारों घर खरीदार जो बिल्डरों/डेवलपरों द्वारा ठगे जा रहे थे और वित्तीय संस्थानों द्वारा उनके खिलाफ की जा रही बलपूर्वक कार्रवाई से और भी पीड़ित थे। इन्होंने राहत की मांग करते हुए विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर कर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट ने घर खरीदारों को धोखा देने में बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के बीच सांठगांठ को देखते हुए, जिसमें गृह ऋण की ‘सबवेंशन योजना’ को नया रूप देकर पेश किया गया था, अप्रैल 2025 के महीने में सीबीआई को सात प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज करने का निर्देश दिया था।
इसके बाद सीबीआई ने 7 पीई दर्ज की थीं और 3 महीने की समय अवधि के भीतर 6 पीई में जांच पूरी कर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। सीबीआई द्वारा प्रस्तुत स्थिति रिपोर्ट का अवलोकन करने पर सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को एनसीआर क्षेत्र के विभिन्न बिल्डरों और वित्तीय संस्थानों के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ 22 नियमित मामले दर्ज करने का निर्देश दिया। यह कार्रवाई उसी आदेशों के तहत की जा रही है।