MP में आफत की बारिश… बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बचाव व राहत कार्य जारी, 3 हजार 628 लोगों का रेस्क्यू

भोपाल। प्रदेश में अति-वृष्टि एवं बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे राहत कार्यों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। मध्य प्रदेश में अभी तक औसत 703.33 मिमी वर्षा हो चुकी है, जो सामान्य से 60 प्रतिशत ज्यादा है। प्रदेश में वर्षा बहुत ही कम समय में तेजी से हुई।
बचाव व राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी
अतिवृष्टि व बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में बचाव व राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी है। अब तक 3,628 व्यक्तियों और 94 मवेशियों का रेस्क्यू किया गया है। यह जानकारी नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने शुक्रवार को दी। उन्होंने बताया कि अतिवृष्टि और बाढ़ से 1632 पशु हानि हुई। 128 मकानों क्षतिग्रस्त हुए।
2,333 मकानों में आंशिक हानि हुई। बाढ़ से प्रभावित पीड़ितों को अब तक जिला कलेक्टर्स द्वारा 28 करोड़ 49 लाख रुपये की राहत राशि वितरित की गई है। 53 राहत कैंप चलाकर 3065 लोगों को रखा गया है। आरआरडीए की 254 सड़कें व पुल अतिवर्षा और बाढ़ से प्रभावित हुए। एनडीआरएफ द्वारा दो रेस्क्यू आपरेशन में 22 लोगों को रेस्क्यू किया गया है।
भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर तथा धार में पांच टीमें तैनात
मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की पांच टीमों को भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर तथा धार में तैनात किया गया है। इनके अलावा तीन टीमों को अशोकनगर, श्योपुर तथा ग्वालियर में तैनात किया है। प्रदेश के 259 संवेदनशील क्षेत्रों में डिजास्टर रिस्पांस सेंटर स्थापित किया गया है। 111 क्विक रिस्पाांस टीम (क्यूआरटी) तैनात की गई है। प्रदेश के 11 जिलों में 3 हजार 300 आपदा मित्र वालंटियर्स को प्राथमिक सहायता के लिए प्रशिक्षित किया गया है।
टोल फ्री नंबर 1079 पर दी जा रही है सहायता
राज्य में 80 हजार 375 सिविल डिफेंस वालंटियर को प्रशिक्षित किया गया है। 24 घंटे सहायता उपलब्ध प्रभावित क्षेत्रों के नागरिकों को 75 रेड अलर्ट तीन घंटे पूर्व भेजे गए है। एसडीईआरएफ मुख्यालय में स्थित राज्य कंट्रोल रूम में टोल फ्री नंबर 1079 पर जन सामान्य द्वारा बाढ़ की स्थिति में सप्ताह के सातों दिन 24 घंटे सहायता प्राप्त की जाने की व्यवस्था की गई है। प्रदेश के समस्त जिलों में डिस्ट्रिक्ट डिजास्टर कमांड कंट्रोल एंड कोऑर्डिनेशन सेंटर (DCCC) स्थापित कर आपदा की स्थिति में 24 घंटे कार्यरत है। वहीं मंत्रालय के सिचुएशन रूम से निगरानी और समन्वय किया जा रहा है।