भाजपा से मुकाबले के लिए मध्य प्रदेश के प्रत्येक जिले में पांच प्रभारी तैनात करेगी कांग्रेस

भोपाल। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी का संगठन काफी मजबूत है। ग्राम स्तर तक ढांचा बना हुआ है। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस संगठन की कमजोरी दूर करने पर सर्वाधिक ध्यान दे रही है। इसके तहत अब प्रत्येक जिले में पांच प्रभारी नियुक्त करने की तैयारी है। यह काम एक माह के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
मध्य प्रदेश में चुनाव का सिलसिला 2027 से प्रारंभ होगा। सबसे पहले नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायतराज संस्थाओं के चुनाव होंगे। नगरीय निकाय के चुनाव दलीय आधार पर होते हैं और प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए माहौल बनाने के साथ दलों की स्थिति की आकलन करने के लिहाज से महत्वपूर्ण होते हैं। कांग्रेस ने पिछले चुनावों से सबक लेते हुए सबसे पहले संगठन को सशक्त बनाने का लक्ष्य रखते हुए वर्ष 2025 को संगठन वर्ष के तौर पर मनाने का निर्णय लिया।
समन्वय के लिए प्रभारी नियुक्त करेगी कांग्रेस
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर विदिशा में वरिष्ठ नेताओं को भेजकर जहां संगठन की स्थिति का आकलन कराया वहीं पंचायत और वार्ड स्तर पर गठित की जाने वाली समितियों की रूपरेखा तय की। वहीं, जिले में निर्वाचन आयोग से जुड़े कामों के लिए भी एक पदाधिकारी तैनात होगा। इसके साथ ही पार्टी जिले में जिला, चुनाव प्रबंधन, विधानसभा, मतदाता सूची और समन्वय के लिए प्रभारी नियुक्त करेगी।
70 से अधिक विधानसभाओं में प्रभारी नियुक्त किए गए
सबकी अलग-अलग भूमिका रहेगी। जिला प्रभारी पूरे संगठन का काम देखेगा तो चुनाव प्रबंधन का काम बूथ लेवल एजेंट बनाने से लेकर मतदाता सूची के काम की निगरानी का रहेगा। इसके लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र का एक प्रभारी रहेगा। 70 से अधिक विधानसभाओं में प्रभारी नियुक्त किए जा चुके हैं।
सभी संगठनों के बीज जिले में बेहतर समन्वय हो, इसका जिम्मा एक अलग प्रभारी को दिया जाएगा। कुल मिलाकर प्रदेश में भाजपा से मुकाबले के लिए कांग्रेस अपने संगठन को तैयार करने में जुटी है। वर्षांत तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और फिर मैदानी स्तर पर काम प्रारंभ होगा।