महिला बोली-राजा रघुवंशी के भाई ने झूठ बोलकर शादी की:पहली पत्नी, दो बेटियों की बात छिपाई

इंदौर के ट्रांसपोर्ट कारोबारी राजा रघुवंशी केस में नया मोड़ आया है। राजा के बड़े भाई सचिन पर एक महिला ने धोखे में रखकर शादी करने और रेप करने का आरोप लगाया है।

महिला ने कहा- सचिन ने मुझसे दोस्ती की, साथ में घुमाया और राम मंदिर में शादी की। मंगलसूत्र पहनाया, करवाचौथ मनाई। अपने परिवार के साथ होली खेलने भी बुलाया। राजा, उसकी बहन और भाइयों को भी हमारे रिश्ते के बारे में मालूम था।

महिला ने कहा- सचिन ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के वक्त ही पंडित से मुहूर्त निकलवाकर मेरी डिलीवरी कराई। लेकिन इसके बाद मुझसे दूरी बना ली। बात करना बंद कर दिया। वो मेरा फोन भी नहीं उठाता था। परेशान होकर मैंने उसके खिलाफ थाने में रिपोर्ट लिखा दी।

महिला ने बताया- सचिन ने मेरी नौकरी छुड़वा दी। कहीं काम भी नहीं करने दिया। मेरे पास पैसे नहीं हैं। अपने बच्चे को न्याय दिलाने के लिए लड़ रही हूं।

मंगलवार को महिला सचिन के घर पहुंची। दरवाजा खुलवाने की कोशिश की लेकिन परिवार का कोई सदस्य बाहर नहीं आया। सचिन भी दूसरी गाड़ी में बैठकर चला गया।

महिला की जुबानी जानिए, क्या है पूरा मामला महिला ने बताया- मैं इंदौर में विजय नगर के एक मसाज सेंटर पर रिसेप्शनिस्ट थी। वहां 3 अगस्त 2022 को सचिन आया। बातचीत के दौरान उसने मेरा फोन नंबर लिया। सात दिन बाद 10 अगस्त को मेरा बर्थडे था। सेंटर पर मुझे सभी ने विश किया तो सचिन ने भी मुझे विश किया। कुछ देर बाद वीडियो कॉल करके भी बधाई दी।

मैंने इसे सामान्य तरीके से लिया। इसके बाद सचिन वहां नियमित रूप से आने लगा। किसी न किसी बहाने मुझसे बात करने लगा। हमारी दोस्ती बढ़ी तो साथ घूमने लगे।

फिर एक दिन सचिन ने मुझसे रिश्ते में आगे बढ़ने की बात कही। मैंने कहा कि शादी कर लेते हैं। सचिन ने जवाब दिया कि हम मंदिर में शादी करते हैं। मैं भगवान राम को मानता हूं, जो किसी भी कानून से ऊपर हैं इसलिए कोर्ट की जगह मंदिर में चलते हैं।

मई 2023 में वह मुझे बिजासन मंदिर ले गया लेकिन वहां शादी नहीं कर सके। इसके बाद वह मुझे दो-तीन दूसरे मंदिरों में ले गया। आखिर में कनाड़िया रोड पर आलोक नगर के राम मंदिर में मुझे मंगलसूत्र पहनाकर शादी कर ली।

मैं किराए के मकान में ही रहती थी। सचिन वहां आता रहता था लेकिन कभी मुझे अपने घर नहीं ले गया। मैं प्रेग्नेंट हो गई। डॉक्टरों ने नॉर्मल डिलीवरी के लिए इनकार कर दिया था इसलिए सीजेरियन ऑपरेशन करना तय हुआ।

सचिन ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन डिलीवरी का मुहूर्त निकलवाया। 22 जनवरी 2022 को गीता भवन पर मित्तल अस्पताल में मुझे भर्ती किया गया। हमारे बेटे ने उसी दिन दोपहर 12 बजे जन्म लिया। अस्पताल के कागजों और मेरी सोनोग्राफी, हर जगह सचिन के ही फोटो-साइन थे।

मेरी प्रेग्नेंसी से लेकर डिलीवरी तक का पूरा खर्च सचिन ने ही उठाया। इसके बाद वह मुझे मेरे गांव छोड़ आया। इसके बाद का खर्च भी सचिन ही देता था।

बच्चा होने के 3-4 महीने बाद दूरी बनाई पीड़ित ने बताया कि बच्चा होने के तीन-चार महीने के बाद सचिन ने मुझसे दूरी बनाना शुरू कर दी। मेरे फोन उठाना बंद कर दिए। पैसा भेजना भी बंद कर दिया। तब मुझे पता चला कि सचिन की पत्नी उसके साथ ही रह रही है। उसकी दो बेटियां भी हैं।

इसके पहले सचिन ने मुझसे झूठ बोला था कि उसका तलाक हो गया है। वह मुझसे मिलने पत्नी से छिपकर आता था।

फोन कॉल से पता चली पत्नी की सच्चाई पीड़ित ने कहा- सचिन मुझे रोज कई बार फोन लगाता था। वो नहीं लगाता तो मैं कॉल कर उससे बात करती थी। एक दिन सचिन ने कॉल नहीं किया। जब मैंने फोन लगाए तो उसने रिसीव नहीं किए। रात 11 बजे मैंने सचिन को मैसेज किया कि आज क्या हो गया? आप फोन नहीं उठा रहे तो मैं परेशान हो रही हूं।

उस दिन फोन सचिन की पत्नी के पास था। मेरा मैसेज पढ़कर उसने मुझे तुरंत कॉल किया। हमारी पहली बार बात हुई। तब मुझे पता चला कि सचिन ने पत्नी को तलाक नहीं दिया है। वह मुझसे झूठ बोल रहा है।

बेटा मांगा; कहा- 10 लाख, 15 लाख ले लो पीड़ित ने बताया- जब पता चला कि मैंने सचिन के बेटे को जन्म दिया है तो उसके परिवार ने मुझे पैसों का लालच दिया। एक दिन उसकी पत्नी ने ही कहा कि 10 लाख ले लो, 15 लाख ले लो, बेटा हमें दे दो। हम उसकी बहुत अच्छी परवरिश करेंगे।

इसमें उनके पूरे परिवार की रजामंदी थी। लेकिन मैंने उन्हें कह दिया कि मैं अपना और बेटे का सौदा करने नहीं निकली हूं। यही बात उन्होंने तब भी कही, जब मैंने सचिन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।

6 अक्टूबर को दर्ज कराई एफआईआर

पीड़ित ने कहा कि परेशान होकर मैंने 6 अक्टूबर 2024 को सचिन के खिलाफ थाने में शिकायत कर दी। इससे पहले हमारे बीच विवाद बढ़ गया था। इसे सुलझाने सचिन ने 14 सितंबर 2024 को एक कागज पर मुझे लिखकर दिया कि मैं जल्द ही तुम्हें अपना लूंगा। मुझे 3 अक्टूबर तक का समय दिया। इसके बाद भी सचिन ने मुझे सार्वजनिक रूप से नहीं अपनाया तो मैंने 6 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज करा दी।

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