पोस्ट डीआईजी की, काम कर रहे एसपी का, मध्य प्रदेश में 7 माह से पोस्टिंग की बाह जोह रहे 4 अधिकारी

भोपाल। राज्य सरकार ने एक जनवरी 2025 से चार पुलिस अधीक्षकों को पदोन्नत कर डीआईजी बनाया और चार डीआईजी को आईजी के पद पर पदोन्नत किया। डीआईजी के पद पर पदोन्नत चारों अधिकारियों की पदस्थापना को लेकर सात माह बाद भी सरकार निर्णय नहीं ले पाई है। अधिकारियों का पदनाम तो बदल गया, पर काम वही कर रहे हैं। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। संगठित अपराध बढ़ रहे हैं। पुलिस पर हमले भी हो रहे हैं, इसके बाद भी सरकार सात माह में पदस्थापना नहीं दे पाई है।जिन्हें डीआईजी बनाया गया था, उनमें एसएसपी रेडियो विजय कुमार खत्री, एसपी धार मनोज कुमार सिंह, पुलिस मुख्यालय में एआईजी राकेश सिंह और विनीत जैन शामिल हैं। इसके बाद राजेश चंदेल और शचींद्र चौहान को पदोन्नत कर डीआईजी बनाया है। इनमें चंदेल को रीवा डीआइजी बना दिया गया है, पर चौहान को अभी उच्च पद पर पदास्थापना की प्रतीक्षा है। वह अभी 32वीं वाहिनी उज्जैन में सेनानी हैं।
इसी तरह सचिन अतुलकर, कृष्णावेनी, कुमार सौरभ और जगत सिंह राजपूत को डीआइजी से आइजी के पद पदोन्नत किया गया था। इनमें जगत सिंह राजपूत को छोड़ सभी को नई जगह पदस्थापना मिल गई है। राजपूत पुलिस मुख्यालय में योजना शाखा में डीआईजी थे। उनका भी सिर्फ पदनाम बदला काम नहीं। वह अगस्त में सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
इनमें कृष्णावेनी को छोड़ दें सचिन अतुलकर और कुमार सौरभ को जून में नई पदस्थापना मिली। दतिया एयरपोर्ट के उद्धाटन में आइजी सुशांत सक्सेना और एसपी वीरेंद्र मिश्रा के बीच कहासुनी के बाद इन दोनों अधिकारियों के अतिरिक्त कुमार सौरभ को हटाकर पुलिस मुख्यालय में आइजी और अतुलकर को सक्सेना की जगह चंबल रेंज का आइजी बनाया गया।