मध्य प्रदेश का ये पूरा गांव बीपीएल, जांच हुई तो 63 परिवारों के पास मिली एक हेक्टेयर जमीन

 भोपाल। मध्य प्रदेश के भोपाल जिले में एक गांव है नलखेड़ा। 240 परिवारों वाले इस गांव में सभी परिवार गरीबी रेखा से नीचे(बीपीएल) दर्शाए गए हैं। इन्हें जारी बीपीएल राशनकार्ड के आधार पर राशन भी दिया जा रहा है। पूरा गांव बीपीएल श्रेणी में होने पर केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक आपूर्ति मंत्रालय के अधिकारियों को शंका हुई।उनके निर्देश पर जांच कराई गए तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जांच में पता चला कि बीपीएल सूची में दर्ज 71 परिवार गांव में नहीं रहते। 63 परिवारों के पास एक हेक्टेयर से अधिक जमीन है। इसमें कुछ आयकरदाता भी हैं।

भोपाल से 42 किमी दूर है गांव

भारत सरकार की वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत बीपीएल परिवार देश में कहीं से भी राशन ले सकता है, लेकिन यहां के वे बीपीएल जो गांव में रहते भी नहीं, उनका भी राशन नियमित वितरित होता रहा है। जिला आपूर्ति नियंत्रक चंद्रभान सिंह जादौन ने अनुसार अब विभाग इसकी भी जांच कर रहा है कि गांव में नहीं मिले परिवार कहां-कहां से राशन ले रहे हैं। राज्य मुख्यालय से महज 42 किमी दूर बसे बैरसिया तहसील के नलखेड़ा गांव में सामने आए इस फर्जीवाड़े से लोग हैरान हैं।

गांव में सिर्फ 6 परिवारों के पास नहीं कोई जमीन

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के अनुसार केंद्रीय उपभोक्ता मामले,खाद्य एवं सार्वजनिक आपूर्ति मंत्रालय के निर्देश पर खाद्य निरीक्षक, पटवारी, पंचायत सचिव और ग्राम सेवक की जांच टीम बनाई गई। इस टीम ने पाया कि 63 परिवारों के पास एक हेक्टेयर या उससे अधिक जमीन है। गांव में सिर्फ छह परिवार भूमिहीन मिले।

71 परिवार वर्तमान में गांव में नहीं रहते। अन्य परिवारों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। जांच पूरी होने पर रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। इस गड़बड़ी के लिए जो भी जिम्मेदार होगा, उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। अपात्र पाए गए लोगों का बीपीएल राशनकार्ड रद किया जा रहा है।

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