मध्य प्रदेश के जंगलों में तैनात होंगे तीन स्निफर डॉग, आईटीबीपी से दी गई ट्रेनिंग

भोपाल। मध्य प्रदेश में वन्य जीवों की तस्करी और शिकार की गतिविधियों को रोकने के लिए जंगलों में तीन नए स्निफर डॉग की तैनाती होने जा रही है। तस्करी रोधी खोजी अभियानों के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षित श्वानों का यह दस्ता इसी सप्ताह भोपाल पहुंच रहा है। अभी प्रदेश में 18 श्वानों का दस्ता इस काम में वन विभाग की मदद कर रहा है।

वन्य जीव संरक्षण के लिए काम कर रहे विशेषज्ञों का कहना है कि वन्यजीवों के तस्कर नेवले के बाल, सांप की खाल, गैंडे के सींग, बाघ के अंग, हाथी दांत, कछुए की ढाल, पेंगोलीन और विभिन्न किस्म के पक्षियों का व्यापार करते हैं। इसकी वजह से कई प्रजातियां विलुप्त होने के कगार पर पहुंच गई हैं। इनकी रोकथाम के लिए लगी टीमों को कई बार पास से गुजर जाने पर भी सामानों के बीच तस्करी वाला सामान नहीं मिल पाता।

प्रशिक्षित स्निफर डॉग यहां काम आता है। उसको इस तरह प्रशिक्षित किया गया है कि प्रतिबंधित श्रेणी के वन्यजीवों की गंध मिलते ही वह प्रतिक्रिया देगा। इनकी तैनाती इस खतरे को कम करने और वन्यजीव संरक्षण को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है। प्रदेश में इनकी तैनाती कूनो राष्ट्रीय उद्यान, पेंच बाघ अभयारण्य और संजय राष्ट्रीय उद्यान में की जानी है।

पंचकुला में 14 श्वानों का प्रशिक्षण

अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा के पंचकुला स्थित भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के राष्ट्रीय स्निफर डाग ट्रेनिंग सेंटर में 14 श्वानों को सात महीने का विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। एक डॉग के साथ दो हैंडलर यानी 28 लोगों का भी प्रशिक्षण हुआ है। यह पूरा काम अंतरराष्ट्रीय संगठन वर्ल्डवाइड फंड फार नेचर (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) की मदद से हुआ है।

इन राज्यों में होगी तैनाती

इन प्रशिक्षित खोजी श्वानों की नए स्क्वाड को छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, बिहार, राजस्थान, झारखंड और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख बाघ अभयारण्यों और राष्ट्रीय उद्यानों में तैनात किया जाएगा। इनमें कूनो, पेंच, संजय, रणथम्भौर, ताड़ोबा, वाल्मीकि, कवल और पक्के बाघ अभयारण्य सहित कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button