पुराने दोस्तों को अपनी टीम में नौकरी दे दी, अब दिन का चैन और रात की नींद हराम हो गई है

नई दिल्ली: कॉरपोरेट दफ्तर में काम करने वाले मिडिल लेवल के मैनेजर कुछ ज्यादा ही स्ट्रेस्ड रहते हैं। ऐसे ही एक मैनेजर ने अपने एक करीबी दोस्त को अपनी टीम में हायर कर लिया। यह सोच कर कि उनका काम आसान होगा और टीम बेहतर परफॉर्म करेगी। लेकिन उसके दोस्त ने कुछ ऐसा किया उनकी रात की नींद और दिन का चैन उड़ गया। उस उसे दोस्त की वजह से हर रोज ओवरटाइम करना पड़ रहा है। यहां तक कि रविवार और छुट्टियों के दिन भी काम में ही बीतते हैं।
दोस्त उम्मीद पर खरे नहीं उतरे
किसी मिडिल मैनेजर के लिए यह मुश्किल होता है कि वह दोस्ती और काम के बीच संतुलन किस तरह से बनाए। यदि संतुलन नहीं बना तो इसका असर टीम और व्यक्ति दोनों पर पड़ सकता है। ऐसा ही कुछ अनुभव एक सीनियर प्रोफेशनल ने एक Reddit पोस्ट में बताया है। उन्होंने एक नई कंपनी में काम करते हुए अपने पुराने दोस्तों को नौकरी पर रखा। उन्होंने अपने दोस्तों को बिना ज्यादा टेस्ट या इंटरव्यू के अच्छी सौलरी पर नौकरी दी। वह चाहते थे कि पहले की तरह ऑफिस में मज़ा आए और सब मिलकर काम करें। शुरू में ऑफिस का माहौल अच्छा था, लेकिन दोस्त काम में सीनीयर प्रोफेशनल के उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे।
ओवरटाइम करने को मजबूर
दोस्तों के दगा देने की वजह से सीनियर प्रोफेशनल का काम कम होने के बजाय बढ़ गया। दोस्तों को नौकरी देने के बाद उन्हें ही उनका काम करना पड़ रहा है। इस वजह से उन्हें अक्सर देर तक काम करना पड़ता है। यहां तक कि रविवार और छुट्टियों में भी काम करना पड़ता था, ताकि मैनेजमेंट को कोई दिक्कत न दिखे। उन्होंने दोस्तों को बेहतर काम करने के लिए प्रोत्साहित करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया।
नौकरी से निकालना मुश्किल
मैनेजर अपने दोस्तों की निजी जिंदगी को लेकर भी परेशान थे। कई दोस्तों के परिवार में कई तरह की दिक्कतें थीं तो कुछ की EMI चल रही थीं। इसलिए उन्हें नौकरी से निकालना मुश्किल लग रहा था। उनके पास अधिकार तो था, लेकिन वह हिचकिचा रहे थे। उन्हें पता था कि दोस्तों के पास कम स्किल है, इसलिए उन्हें नई नौकरी मिलने में मुश्किल होगी।
लोगों की राय जुदा-जुदा
Reddit पर इस बारे में लोगों ने अलग-अलग राय दी है। कुछ लोगों का कहना है कि दोस्तों को नौकरी पर रखने में खतरा होता है। उन्होंने कहा कि ऑफिस में "दोस्ताना खेल" खेलने से दिक्कतें आती हैं। कुछ लोगों ने सुझाव दिया कि शुरुआत से ही जिम्मेदारियों और उम्मीदों के बारे में साफ-साफ बता देना चाहिए था। इससे गलतफहमी कम हो सकती थी। कुछ लोगों ने अंडरपरफॉर्मिंग दोस्तों को मैनेज करने के तरीके बताए। जैसे कि धीरे-धीरे जवाबदेही बढ़ाना या यह कहना कि यह ऊपर के मैनेजमेंट का आदेश है। कुछ लोगों ने निजी और पेशेवर रिश्तों के बीच सख्त सीमाएं बनाए रखने की भी सलाह दी है।