ट्रम्प का दावा झूठा निकला:US एंबेसी बोली- भारतीय चुनाव में अमेरिकी फंडिंग नहीं हुई

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने फरवरी में दावा किया था कि अमेरिकी एजेंसी USAID ने भारत में वोटिंग बढ़ाने के लिए 182 करोड़ रुपए दिए। ट्रम्प का यह दावा अब झूठा साबित हुआ है।

ट्रम्प के बयान के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारत स्थित अमेरिकी दूतावास से पिछले 10 साल का ब्योरा मांगा था। इसके जवाब में दूतावास ने 2 जुलाई को रिपोर्ट दी। रिपोर्ट में अमेरिकी दूतावास ने साफ कहा कि उन्हें ऐसा कोई फंड न तो मिला और न ही उन्होंने किसी को दिया। इसमें 2014 से 2024 तक की सभी अमेरिकी मदद का विवरण था।

दूतावास ने बताया कि इस अवधि में भारत की चुनावी प्रक्रिया के लिए कोई फंडिंग नहीं की गई। भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी।

ट्रम्प ने कहा था- भारत के पास बहुत पैसा, फंड क्यों दे रहे

अमेरिकी सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) ने 16 फरवरी 2025 में दुनियाभर में दूसरे देशों को USAID की 486 मिलियन डॉलर की फंडिंग रद्द करने की घोषणा की थी। DOGE ने कहा था कि इसमें भारत में मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए 182 करोड़ रुपए का फंड भी शामिल है।

इसके बाद ट्रम्प ने 18 फरवरी को कहा था, ‘भारत के पास बहुत ज्यादा पैसा है। भारत दुनिया के सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक हैं, खासतौर पर हमारे लिए। मैं भारत और उनके PM मोदी का सम्मान करता हूं, लेकिन 182 करोड़ क्यों?

ट्रम्प ने अगले कुछ दिनों तक फंडिंग के दावे को कई बार दोहराया भी। इस दौरान वे मोदी का नाम भी लेते रहे। ट्रम्प ने 21 फरवरी को कहा कि ये फंड भारत में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए दिए गए और हमारा क्या? हमें भी अमेरिका में वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए पैसा चाहिए।

अमेरिका से 3 साल में तिब्बतियों की शिक्षा-विकास के लिए 255 करोड़ मिले

विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दूतावास से मिले दस्तावेज बताते हैं कि 2021 से 2024 के बीच USAID के जरिए कुल 397 करोड़ रुपए भारत में दिए गए। यह मदद अमेरिका के साथ USAID को लेकर पहले से हुए 7 समझौतों के तहत दी गई। इसमें सबसे ज्यादा कुल 255 करोड़ रुपए तिब्बत फंड, तिब्बती धर्मगुरु दलाई लामा और अन्य कार्यक्रमों के लिए दिए गए।

2 सितंबर से बंद हो जाएगा USAID

बीते दिनों राज्यसभा में सांसद डॉ. जॉन ब्रिटास ने सदन में पूछा था कि USAID की ताजा स्थिति क्या है? इस पर विदेश मंत्रालय ने बताया था कि USAID के 83% कार्यक्रम अमेरिकी प्रशासन ने समाप्त कर दिए हैं।

94% कर्मचारियों की छंटनी कर दी है। जो बचा 17% कार्यक्रम है, उसे मंत्रालय संभाल रहा है। फिर 29 जुलाई को अमेरिकी दूतावास ने बताया कि USAID के सभी कार्यक्रम 2 सितंबर से बंद हो जाएंगे।

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