नया फोन हो या नई गाड़ी… ईएमआई के ‘बम’ पर बैठे हैं हम! वॉरेन बफे के ये 4 टिप्स आ सकते हैं काम

नई दिल्ली: रोहित (बदला हुआ नाम) दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं। इनकी मासिक सैलरी करीब 40 हजार रुपये है। इस समय देश में फेस्टिव सीजन शुरू हो गया है। जीएसटी की नई दरें भी लागू हो गई हैं। काफी चीजों पर दाम कम हो गए हैं। iPhones 17 भी मार्केट में आ गया है। रोहित के ऑफिस के दोस्त एक-एक कर नए फोन खरीद रहे थे। ‘नो कॉस्ट ईएमआई’, ‘ट्रेड-इन बोनस’ और ’24 महीने की आसान किस्तें’… रोहित की आंखों के सामने ये ऑफर चमक रहे थे। रोहित का दिल भी चाह रहा था कि वह iPhone 17 खरीद लें।

वह फोन लेने एक शॉप पर गए। दुकान वाले ने उन्हें समझाया, ‘सर, 83 हजार रुपये एक साथ देने की जरूरत नहीं है। बस 7000 रुपये महीना देना होगा। आपके बैंक कार्ड पर कैशबैक भी मिल जाएगा।’ यह सुनकर रोहित के कदम डगमगाए। उन्होंने सोना, ‘सिर्फ 7000 रुपये तो मैं आसानी से दे सकता हूं।’ लेकिन जब वह दुकान से बाहर निकले, उनकी नजर किताब बेचने वाली एक शॉप पर गई। वहां एक मोटी-सी किताब रखी थी- वॉरेन बफे की निवेश रणनीतियां। रोहित ने किताब के यूं ही पन्ने पलटे। उसमें एक लाइन लिखी थी- ‘कर्ज धीरे-धीरे आपकी नींद, आजादी और भविष्य छीन लेता है।’

ईएमआई के जाल में फंसे हैं लोग

रोहित ने ईएमआई पर फोन नहीं खरीदा, लेकिन वह पहले से ही बाइक और पर्सनल लोन की ईएमआई दे रहे हैं। क्रेडिट कार्ड का बिल भी चुकाना होता है। हर महीने उनकी लगभग आधी सैलरी ईएमआई और क्रेडिट कार्ड का बिल भरने में चली जाती है। यहां सिर्फ रोहित ही नहीं, बल्कि ऐसे काफी लोग हैं जो ईएमआई चुका रहे हैं। यह ईएमआई फोन, गाड़ी, घर, टीवी आदि की हो सकती है। महीने की कमाई का एक बड़ा हिस्सा ईएमआई में गुजर रहा है।

आंकड़े बताते हैं कि भारत में लगभग 70% लोग ईएमआई के माध्यम से आईफोन खरीदते हैं। एक हालिया स्टडी में पाया गया कि 50,000 रुपये से कम कमाने वाले 93% वेतनभोगी भारतीय अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर रहे हैं। क्रेडिट और ईएमआई अब वैकल्पिक नहीं हैं, वे जीवन रेखा बन गए हैं।

उधार के पैसों पर आ जाती है जिंदगी

त्योहारों के समय जब हर तरफ उत्साह होता है, तो ईएमआई पर चीजें खरीदना आसान लगता है। लेकिन जब कई ईएमआई एक साथ हो जाती हैं, क्रेडिट कार्ड पर ब्याज दरें बहुत ज्यादा होती हैं और आप सिर्फ दिखावे के लिए उधार के पैसे पर जीते हैं, तो इसका नुकसान सिर्फ वित्तीय नहीं होता। इससे तनाव होता है, आप कमजोर महसूस करते हैं, और आपको भविष्य धुंधला दिखाई देता है।

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