स्विट्जरलैंड में भारतीयों की ऐसी बेइज्जती: देख कर डॉक्टर का दिल रो पड़ा

नई दिल्ली: भारतीय अपनी हरकतों की वजह से विदेश में अक्सर चर्चा में रहते हैं। भारत का एक डॉक्टर यूरोपीय देश स्विटजरलैंड गया था, जहां की राजधानी बर्न है और वहां की मुद्रा स्विस फ्रैंक है। वह परिवार के साथ वहां छुट्टी मनाने गया था। डॉक्टर जिस होटल में ठहरा था, वहां कमरे में दरवाजे के पीछे एक नोटिस लगा देखा। यह नोटिस खास कर भारतीय पर्यटकों (Dear Indian tourists) को संबोधित था। इसमें जो कुछ लिखा था, उसे पढ़ कर डॉक्टर चिंतित हो गया। फिर उसने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसका जिक्र किया। उनका एक्स पोस्ट खूब पढ़ा जा रहा है और यूजर्स इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रिया दे रहे हैं।

क्या था पोस्ट

स्विटजरलैंड में एक होटल में रुकने का अनुभव बताते हुए एक डॉक्टर का पोस्ट X पर पोस्ट किया है। उन्होंने बताया कि कैसे होटल में लगे एक नोटिस में खास तौर पर ‘भारतीय पर्यटकों’ को संबोधित किया गया था। इस नोटिस में उन्हें बुफे का खाना अपने पर्स में न रखने की सलाह दी गई थी। डॉक्टर अर्शित धामनस्कर ने अपने पोस्ट में कहा कि इस संदेश ने उन्हें ‘दुखी’ कर दिया। उन्हें दुख इसकी सामग्री से नहीं, बल्कि जिस तरह से इसे लिखा गया था, उससे हुआ।

क्या लिखा डॉक्टर ने

इस घटना को याद करते हुए, डॉक्टर धामनस्कर ने लिखा, "कुछ साल पहले, मैं अपने परिवार के साथ स्विट्जरलैंड में था। होटल के कमरे के दरवाजे के पीछे एक लंबा संदेश था, जिसे संक्षेप में ऐसे समझा जा सकता है: ‘बुफे की चीज़ें अपने पर्स में पैक न करें। अगर आप चाहते हैं, तो हम आपको अलग से पैक किए गए खाने के सामान दे सकते हैं।’" डॉक्टर ने आगे कहा कि होटल के बुफे को अक्सर ‘अनलिमिटेड’ बताया जाता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसे सचमुच ले लिया जाए। उन्होंने लिखा, "यह ‘अनलिमिटेड’ है, लेकिन सचमुच इतना ‘अनलिमिटेड’ नहीं कि आप इसे अपने बैग में भरकर जीवन भर के लिए मुफ्त खाना ले लें।" उन्होंने यह भी साफ किया कि वह इसके पीछे के तर्क को समझते थे।

भारतीयों को बना रहे हैं निशाना!

हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें सचमुच जिस बात ने परेशान किया, वह यह थी कि यह भारतीय मेहमानों को गलत तरीके से निशाना बना रहा था। उन्होंने समझाया, "जिस एक बात ने मुझे सचमुच दुख पहुंचाया, वह यह थी कि यह संदेश किसी को भी और सभी को संबोधित किया जा सकता था। लेकिन यह खास तौर पर ऐसे शुरू हुआ था: ‘Dear Indian tourists।"

सोशल मीडिया पर खूब मिल रही प्रतिक्रिया

डॉक्टर ने यह पोस्ट पांच अक्टूबर को दिन में करीब 11 बजे की थी। तब से अभी तक इसे करीब साढ़े छह लाख लोगों ने देख लिया है। इस पर मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। कुछ यूज़र्स ने माना कि यह संदेश भारतीय यात्रियों के बारे में एक गलत धारणा को दर्शाता है। जबकि कुछ अन्य लोगों को लगा कि यह बार-बार होने वाली घटनाओं के कारण हो सकता है।

व्यवहार ही संदिग्ध हो

एक यूज़र ने लिखा, "बॉस, यह एक तथ्य हो सकता है कि भारतीय पर्यटकों का व्यवहार संदिग्ध है। लेकिन अगर आपको नहीं पता, तो भारतीय इस मुफ्त नाश्ता पैक करने की घटना में अकेले नहीं हैं। मैंने भारत के बड़े 5-स्टार होटलों में कई दक्षिण कोरियाई और चीनी कॉर्पोरेट मेहमानों को भी ऐसा करते देखा है।"

यूरोपीय और अमेरिकी भी भरते हैं पर्स में

एक और यूज़र ने टिप्पणी की, "मैंने यूरोपीय और अमेरिकियों को भी नाश्ते के बुफे से अपने पर्स भरते देखा है, सोचते हैं कि सिर्फ भारतीय पर्यटकों को ही क्यों निशाना बनाया जाता है।" एक तीसरे यूज़र ने कहा, "ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ भारतीय ही करते हैं, मैंने कई गोरे लोगों को भी ऐसा करते देखा है, लेकिन भारतीयों का व्यवहार एक अलग ही स्तर पर होता है।"

यह 100% सच है

एक यूज़र ने लिखा, "धिक्कार है! यह बुरा है, लेकिन दुर्भाग्य से यह 100% सच है। भारतीय पर्यटक सबसे बुरे हैं।"

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