काम कर रहा डोनाल्ड ट्रंप का दबाव! रूस से घट गया कच्चे तेल का आयात, कौन उठा रहा है फायदा?

नई दिल्ली: अमेरिका में रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगा रखा है। लेकिन रूस अब भी भारत का सबसे बड़ा ऑयल सप्लायर बना हुआ है। हालांकि सितंबर में भारत की कुल ऑयल इम्पोर्ट में रूस की हिस्सेदारी 33.9% रह गई है जो अप्रैल में 40% थी। अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है और दोनों देशों के बीच लंबे समय से ट्रेड डील के लिए बातचीत हो रही है। लेकिन अमेरिका चाहता है कि भारत रूस से तेल की खरीदारी बंद करे। भारत दुनिया में कच्चे तेल का तीसरा बड़ा इम्पोर्टर है।

हिंदू बिजनेसलाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर में भारत के रूस से रोजाना 16 लाख बैरल कच्चे तेल का आयात किया। हालांकि यह साल के पहले नौ महीने के औसत से करीब 1,60,000 बैरल कम है। इराक इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है। भारत ने सितंबर में इराक से रोजाना 8.81 लाख बैरल कच्चे तेल का आयात किया जो भारत के कुल इम्पोर्ट का करीब 18.7 फीसदी है। इसके बाद सऊदी अरब (12.8%), यूएई (12.6%), नाइजीरिया (4.9%), अमेरिका (4.3%) और अंगोला (2.7%) का नंबर है।

कैसे बढ़ी रूसी सप्लाई?

जानकारों का कहना है कि अमेरिका की तरफ से बढ़ रहे दबाव के बीच भारत अपने पोर्टफोलियो को डाइवर्सिफाई कर रहा है। मिडिल ईस्ट, लेटिन अमेरिका और यूएस से तेल की खरीद बढ़ाई जा रही है। यूक्रेन युद्ध से पहले भारतीय आयात में रूस की हिस्सेदारी बहुत कम थी। लेकिन उसके बाद पश्चिमी देशों ने रूस से तेल की खरीद बंद कर दी और उसने भारत तथा चीन को सस्ते में तेल बेचना शुरू किया। इससे रूस भारत का सबसे बड़ा सप्लायर बन गया।

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